Move to Jagran APP

Vande Bharat Train: 3 वर्षों में 84 से 76 किमी प्रति घंटे हो गई वंदे भारत की औसत गति, क्या है इसके पीछे की वजह

आरटीआई के जरिए जवाब मांगे जाने पर रेल मंत्रालय ने जानकारी दी कि वंदे भारत की औसत गति 3 वर्षों में 84 से घटकर 76 किमी प्रति घंटे हो गई। मंत्रालय ने ट्रेन की गति कम होने का कारण बताया है। अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत के साथ ही कई दूसरी ट्रेनों की गति भी प्रभावित हुई है खास तौर से जिनके रास्तों पर निर्माण कार्य जारी हैं।

By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Fri, 07 Jun 2024 08:29 PM (IST)
Hero Image
Vande Bharat की औसत स्पीड में कमी, जानिए क्या है इसका कारण
पीटीआई, नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने एक आरटीआई के जवाब में वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की गति को लेकर नई जानकारी दी है। इसके अनुसार, वंदे भारत ट्रेनों की औसत गति 2020-21 में 84.48 किमी प्रति घंटे थी। 2023-24 में यह घटकर 76.25 किमी प्रति घंटे पर आ गई है।

अधिकारियों ने बताया कि वंदे भारत के साथ ही कई दूसरी ट्रेनों की गति भी प्रभावित हुई है, खास तौर से जिनके रास्तों पर निर्माण कार्य जारी हैं। इसके अलावा, कुछ वंदे भारत ट्रेनों की आवाजाही ऐसे इलाकों में शुरू की गई है, जहां भौगोलिक कारणों या मौसम के चलते उनकी गति पर असर पड़ा है।

यह भी पढ़ें- आर्थिक विकास की पुरानी पिच पर ही खेलेगी मोदी 3.0 की टीम; गरीबों और मध्यम वर्ग पर रहेगा फोकस

इन कारणों से कम हुई औसत स्पीड

सेंट्रल रेलवे जोन के अधिकारी ने इसे लेकर मुंबई सीएसएमटी और मडगांव के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा, कोंकण रेलवे जोन का अधिकांश हिस्सा घाट खंड है जहां ट्रेनें कम ऊंचाई वाली पर्वत श्रृंखलाओं से होकर गुजरती हैं। यह कठिन इलाका है। जहां तेज गति के साथ सुरक्षा को लेकर समझौता करना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि मानसून के दौरान भी हालात चुनौतीपूर्ण हो जाते हैं। इस दौरान हमें सभी ट्रेनों की अधिकतम गति 75 किमी प्रति घंटे तक रखनी होती है। मध्य प्रदेश के रहने वाले चंद्र शेखर गौड़ नाम के शख्स ने आरटीआइ दायर किया था। इसके जरिए उन्होंने देश में दौड़ रहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की गति के बारे में जानकारी मांगी थी।

यह भी पढ़ें- गठबंधन सरकार में कम होती राजनीतिक स्थिरता,  निर्णय लेने में देरी