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20 दुर्लभ खनिजों की पहली नीलामी प्रक्रिया आज से होगी शुरू, यहां जानें सभी डिटेल्स

इलेक्ट्रिक वाहनों सौर ऊर्जा सेमीकंडक्टर और संचार जैसे उन्नत उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले दुर्लभ खनिजों के लिए एक आत्मनिर्भर प्रक्रिया आज से शुरू कर रही है। सरकार दुर्लभ खनिजों की नीलामी पहली बार कर रही है। कोयला एवं खनिज मंत्री प्रह्लाद जोशी इसका उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान और नई दिल्ली स्थित विदेशी सरकारों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 29 Nov 2023 07:00 AM (IST)
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केंद्र सरकार के मुताबिक इस नीलामी से अर्थव्यवस्था मजबूत होगी।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। इलेक्ट्रिक वाहन, सौर ऊर्जा, सेमीकंडक्टर, संचार जैसे अत्याधुनिक उद्योगों में इस्तेमाल होने वाले दुर्लभ खनिजों में आत्मनिर्भर बनने की प्रक्रिया बुधवार 29 नवंबर, 2023 को रफ्तार पकड़ सकती है।

पहली बार दुर्लभ खनिजों की होगी बिक्री

सरकार बुधवार से पहली बार दुर्लभ खनिजों के नीलामी की शुरुआत करने जा रही है। कोयला व खनिज मंत्री प्रह्लाद जोशी इसकी शुरुआत करेंगे। इसके लिए जो आयोजन किया जा रहा है उसमें बड़ी संख्या में विदेशी मेहमानों और नई दिल्ली स्थित विदेशी सरकारों के प्रतिनिधि भी हिस्सा लेंगे।

पहले चरण में 20 खनिजों की होगी नीलामी

पहले चरण में देश भर में फैले 20 दुर्लभ खनिजों की नीलामी प्रक्रिया शुरू होगी। केंद्र सरकार का कहना है कि इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी, राष्ट्रीय सुरक्षा मजबूत होगी और देश में स्वच्छ ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार मानती है कि दुर्लभ खनिजों में आत्मनिर्भर नहीं होने से भविष्य में भारत की आर्थिक विकास भी इन उद्योगों के सप्लाई चेन के बाधित होने से प्रभावित हो सकती है।

भारत में विशालकाय फैक्ट्री बनाने, दुर्लभ बीमारियों के लिए दवा बनाने में, रक्षा प्रौद्योगिक में भी इनकी जरूरत बढ़ती जा रही है। अभी दुनिया के कुछ ही देश जैसे चीन, आस्ट्रेलिया, अमेरिका जैसे चुनिंदा देश ही दुर्लभ खनिजों के मामले में मजबूत स्थिति में है।

इन खनिजों की भूमिका अहम

सरकार की तरफ से दी गई सूचना में कहा गया है कि भविष्य में आर्थिक संवृद्धि सुनिश्चित करने में लिथियम, ग्रेफाइट, टाइटेनियम जैसे दुर्लभ खनिजों की भूमिका काफी अहम होगी। भारत में इन खनिजों की खपत बढ़ती जा रही है और इनका आयात भी बढ़ता जा रहा है।

बहरहाल, हाल ही में लद्दाख क्षेत्र में कुछ दुर्लभ खनिजों के भंडार मिलने से भारत सरकार का विश्वास बढ़ा है कि वह इनके उत्पादन में आत्मनिर्भर बन सकती है। इसके अलावा सरकार समुद्री इलाकों में भी इन खनिजों को खोजने को बढ़ावा दे रही है।