Move to Jagran APP

SEBI प्रमुख पर लगे आरोपों से जुड़े कोष का मॉरीशस से लेना-देना नहीं, आयोग ने दी सफाई

एफएससी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि आइपीई प्लस फंड मॉरीशस का एक छोटा विदेशी कोष है और आइपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस में पंजीकृत है। हम यह साफ करना चाहते हैं कि आइपीई प्लस फंड और आइपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस से जुड़ा नहीं है और इसे कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। सही मायने में इसका मॉरीशस से कोई लेना-देना नहीं है।

By Agency Edited By: Ram Mohan Mishra Updated: Wed, 14 Aug 2024 07:40 PM (IST)
Hero Image
SEBI प्रमुख पर लगे आरोपों से जुड़े कोष का मॉरीशस से लेना-देना नहीं है।
एएनआई, दिल्ली। मॉरीशस के वित्तीय सेवा आयोग (FSC) ने मंगलवार को कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच के खिलाफ हितों के टकराव के आरोपों में जिस कोष का जिक्र किया गया है, उसका उनके देश से कोई लेना-देना नहीं है। 

आयोग ने दी सफाई 

आयोग ने कहा कि उसने 10 अगस्त, 2024 को अमेरिकी शोध और निवेश कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट को संज्ञान में लिया है। इसमें मारीशस-आधारित मुखौटा कंपनियों और मॉरीशस का कर चोरों के पनाहगाह के रूप में उल्लेख किया गया है।

यह भी पढ़ें- WPI Inflation: रिटेल के बाद थोक महंगाई भी घटी, जुलाई में 2.04 फीसदी रहा इन्फलेशन रेट

एफएससी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 'आइपीई प्लस फंड' मॉरीशस का एक छोटा विदेशी कोष है और आइपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस में पंजीकृत है। हम यह साफ करना चाहते हैं कि आइपीई प्लस फंड और आइपीई प्लस फंड-1 मॉरीशस से जुड़ा नहीं है और इसे कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। सही मायने में इसका मॉरीशस से कोई लेना-देना नहीं है।

मामला क्या है? 

हिंडनबर्ग ने शनिवार को आरोप लगाया था कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति ने बरमूडा स्थित फंड की मारीशस-पंजीकृत इकाई में एक अज्ञात राशि का निवेश करने के लिए 2015 में सिंगापुर में एक धन प्रबंधन कंपनी के साथ एक खाता खोला।

मारीशस फंड का संचालन अदाणी समूह का निदेशक कर रहा था और इसकी मूल इकाई का उपयोग दो अदाणी सहयोगियों द्वारा कोष की हेराफेरी करने तथा शेयर की कीमतें बढ़ाने के लिए किया गया था। गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवा क्षेत्र और वैश्विक व्यापार के लिए एकीकृत नियामक एफएससी ने इस कोष के मॉरीशस में पंजीकृत होने की बात को नकारा है।

यह भी पढ़ें- UIDAI को पांच साल के लिए मिली आयकर भुगतान से छूट, 2027-28 तक नहीं देना होगा कोई टैक्स