भारतीय शेयर बाजार में जारी रह सकता है मंदी का दौर, चुनाव परिणाम आने तक अस्थिरता का अनुमान
शेयर बाजार के कई विशेषज्ञों ने कहा है कि 04 जून 2024 को चुनाव परिणाम आने तक बाजार में ऐसी ही अस्थिरता देखने को मिल सकती है। सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 541.22 करोड़ रुपये मूल्य का निवेश निकाला था। इसका असर मुद्रा बाजार पर दिखा जहां डॉलर के मुकाबले पांच पैसे कमजोर हो कर 83.18 के स्तर पर बंद हुआ।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार को फिर से भारतीय शेयर बाजार में मंदी का रुख रहा। मुंबई शेयर बाजार में 30 प्रमुख शेयरों वाला सूचकांक 220 अंकों (0.29 प्रतिशत) की गिरावट के साथ 75,170 अंकों पर बंद हुआ। निफ्टी 50 का सूचकांक भी 44 अंकों की गिरावट के साथ 22,888 अंकों पर बंद हुआ। इन दोनों बाजारों में पिछले तीन दिनों से गिरावट है। इसे विशेषज्ञ मौजूदा आम चुनाव से जोड़कर देख रहे हैं।
चुनाव परिणाम आने तक अस्थिरता का अनुमान
शेयर बाजार के कई विशेषज्ञों ने कहा है कि 04 जून, 2024 को चुनाव परिणाम आने तक बाजार में ऐसी ही अस्थिरता देखने को मिल सकती है। इसी बीच शेयर बाजार की शोध एजेंसी एमके इन्वेस्टमेंट ने कहा है कि दीर्घकालिक तौर पर भारतीय बाजार में तेजी को लेकर कोई संदेह नहीं है।
अगले 18 महीनों में निफ्टी का सूचकांक 26,500 को भी छू सकता है। दरअसल, भारतीय वित्तीय बाजार में ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसका सकारात्मक असर सेंसेक्स पर पड़ता। मसलन, बाजार से एफआइआइ का निवेश निकालने का दौर जारी रहा।
सोमवार को विदेशी संस्थागत निवेशकों ने 541.22 करोड़ रुपये मूल्य का निवेश निकाला था। इसका असर मुद्रा बाजार पर दिखा जहां डॉलर के मुकाबले पांच पैसे कमजोर हो कर 83.18 के स्तर पर बंद हुआ। कुछ असर अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि होने का भी रहा। यह 0.18 प्रतिशत वृद्धि के साथ 83.25 डालर प्रति बैरल हो गया है।
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विशेषज्ञ देख रहे नया ट्रेंड
कुछ विशेषज्ञों ने पिछले एक पखवाड़े से शेयर बाजार में देखी जा रही अस्थिरता को बाजार में एक नए ट्रेंड के तौर पर देखा है, जिसके चुनावी परिणाम आने तक जारी रहने की बात कही जा रही है। इस ट्रेंड में जब बाजार गिर रहा है तो उस समय शेयरों की खूब खरीदारी की जा रही है और जब बाजार बढ़ता है तो शेयरों को बेचकर मुनाफा वसूली हो रही है।
जियोजीत फाइनेंशिएल सर्विसेज के रिसर्च हेड विनोद नायर ने कहा-
कुछ दिन पहले शेयर बाजार में जो तेजी आई थी, अब उसमें सुधार का दौर चल रहा है। यह अनिश्चता की वजह से उपजा उतार-चढ़ाव है, जो चुनाव परिणाम आने तक जारी रह सकता है।
अमेरिका और ब्रिटेन के चुनाव का भी बाजार पर पड़ेगा असर
इस बीच एमके इंवेस्टमेंट ने मंगलवार को ही एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें कहा गया है कि निफ्टी का स्तर दिसंबर, 2024 तक 24,500 और दिसंबर, 2025 तक 26,500 तक जा सकता है। वैसे अभी बाजार चुनाव परिणामों पर ही नजर रखेगा और इससे ही प्रभावित होगा।
हालांकि, बाजार में यह मजबूत संभावना है कि भाजपा शासित एनडीए भारी बहुमत से सरकार बनाने में सफल रहेगी और भूमि, श्रम व कानून सुधार जैसे अहम एजेंडे पर आगे बढ़ेगी। भारत के अलावा अमेरिका व ब्रिटेन में भी चुनाव हैं, जिनका असर भारतीय शेयर बाजार पर वर्ष 2024 में दिखाई देगा। निवेशकों को यह सलाह दी गई है कि बड़ी और मझोली कंपनियों में निवेश करें।
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