फिर से मोदी सरकार बनता देख बाजार संभला, तेदेपा-जदयू के राजग में बने रहने की घोषणा से बाजारों की वापसी
विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार बनने में अगर फिर से कोई बाधा आती है तो बाजार फिर से प्रभावित होगा। अगर नए नेतृत्व में सरकार का गठन होता है तो भी बाजार निश्चित रूप से तीव्र प्रतिक्रिया देगा। गठबंधन की सरकार में आसानी से सरकारी कंपनियों के विनिवेश की कम उम्मीद को देख निवेशक सरकारी कंपनियों के शेयर के प्रति उदासीनता दिखा रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मंगलवार को चुनावी नतीजे से हताश बाजार बुधवार को फिर से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग की सरकार बनता देख संभलता दिखा। भाजपा को बहुमत नहीं मिलने से मंगलवार को सेंसेक्स में 4000 अंक से अधिक की गिरावट दर्ज की गई थी। बुधवार को टीडीपी और जेडीयू की तरफ से राजग सरकार में शामिल होने की पुष्टि करने के बाद सेंसेक्स 2303.20 अंक की बढ़ोतरी के साथ 74,382.24 अंक पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी में भी 735.85 अंक की बढ़ोतरी देखी गई और निफ्टी 22,620 अंक पर बंद हुआ।
आगे भी दिख सकती है बाजार में रौनक
आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि गुरुवार तक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार के गठन का दावा पेश कर दिया जाएगा। इसलिए अब बाजार आगे भी संभलने की राह पर दिखेगा। बुधवार को ऑटो, मेटल, फार्मा जैसी कंपनियों के शेयर में तेजी देखी गई, लेकिन सरकारी कंपनियों के शेयर भाव में गिरावट का दौर जारी रहा। गठबंधन की सरकार में आसानी से सरकारी कंपनियों के विनिवेश की कम उम्मीद को देख निवेशक सरकारी कंपनियों के शेयर के प्रति उदासीनता दिखा रहे हैं।
टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विस के पार्टनर विवेक जालान ने बताया कि देश की आर्थिक बुनियाद मजबूत स्थिति में है और टैक्स संग्रह से लेकर जीडीपी विकास दर तक में खासी बढ़ोतरी हो रही है। मंगलवार को चुनावी नतीजे को देख बाजार में जो भारी गिरावट हुई, वह अधिक दिनों तक कायम नहीं रह सकती है।
पांच ट्रिलियन डॉलर से अधिक का हुआ भारतीय शेयर बाजार
विशेषज्ञों के मुताबिक सरकार बनने में अगर फिर से कोई बाधा आती है तो बाजार फिर से प्रभावित होगा। अगर नए नेतृत्व में सरकार का गठन होता है तो भी बाजार निश्चित रूप से तीव्र प्रतिक्रिया देगा। मूल्यों के हिसाब से भारतीय शेयर बाजार का आकार पांच ट्रिलियन डॉलर से अधिक का हो चला है। इसलिए भारतीय राजनीति पूरी तरह से विदेशी निवेशकों के मूड को प्रभावित कर रही है।
विशेषज्ञों के मुताबिक शुक्रवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा कमेटी की बैठक का अंतिम दिन है और इस दिन सबकी नजर गवर्नर की घोषणा पर होगी। बैंक दरों में किसी बदलाव की उम्मीद नहीं की जा रही है, लेकिन गठबंधन की सरकार पर आरबीआई की प्रतिक्रिया पर निवेशकों की नजर होगी।