Life Insurance Policy सरेंडर करने पर नहीं होगा ज्यादा नुकसान, IRDA ने रखा प्रस्ताव
बीमा नियामक एजेंसी IRDA देश के बीमा सेक्टर में बड़े बदलाव को लेकर लगातार नये नियमों को लागू कर रही है। इरडा का यह प्रस्ताव लागू होने से कंपनियों की मार्जिन पर काफी उल्टा असर पड़ने की संभावना है। वजह यह है कि अभी इस बारे में कोई स्पष्ट नियम नहीं है और ग्राहकों को कंपनियों की मर्जी पर निर्भर करना होता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीमा नियामक एजेंसी IRDA देश के बीमा सेक्टर में बड़े बदलाव को लेकर लगातार नये नियमों को लागू कर रही है। इस क्रम में जीवन बीमा कराने वाले ग्राहकों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि उन्हें समय से पहले बीमा पॉलिसी सरेंडर करने पर पहले के मुकाबले अब ज्यादा राशि मिल सकती है। इस बारे में इरडा ने नये नियमों का एक प्रस्ताव तैयार किया है।
पॉलिसी सरेंडर करने पर मिलेगा अच्छा रिटर्न
प्रस्ताव के मुताबिक ग्राहकों को निर्धारित समय से पहले पॉलिसी सरेंडर करने पर उन्हें एक उचित रिटर्न देने की व्यवस्था होगी। ये उचित रिटर्न क्या होगा, इसका निर्धारण कई कारकों के आधार पर होगा जैसे कितने वर्ष तक पॉलिसी चलाई गई, कितना प्रीमियम दिया गया आदि। लेकिन यह तय है कि अभी ग्राहकों को इन पालिसियों को वापस करने पर जो पैसा मिलता है उससे ज्यादा की राशि उन्हें मिलेगी।
कंपनियों के मार्जिन पर पड़ेगा उल्टा असर
इरडा का यह प्रस्ताव लागू होने से कंपनियों की मार्जिन पर काफी उल्टा असर पड़ने की संभावना है। वजह यह है कि अभी इस बारे में कोई स्पष्ट नियम नहीं है और ग्राहकों को कंपनियों की मर्जी पर निर्भर करना होता है। यही वजह है कि गुरुवार को इस बारे में सूचना सार्वजनिक होते ही शेयर बाजार में बीमा कंपनियों के शेयरों में गिरावट का रुख रहा।
नान-लिंक्ड बीमा पालिसियां (ऐसी पालिसियां जो शेयर बाजार या दूसरे निवेश प्रपत्रों के साथ संबंधित हों) में रिटर्न काफी कम होता है और आम तौर पर ग्राहक किसी वजह से उनकी परिपक्वता अवधि से पहले वापस करती हैं तो जो राशि कंपनी लौटाती है वह मूलधन से भी कम होती है। अब इरडा ने जो फार्मूला दिया है उससे यह सुनिश्चित हो सकता है कि कम से कम हानि ग्राहकों को हो। सबसे बड़ी बात इस बारे में कंपनियों के मनमाने गणना पर रोक लगेगी।
हां, इस सुविधा के लिए ग्राहकों से अतिरिक्त प्रीमियम राशि भी ली जाएगी। बीमा नियामक एजेंसी ने साफ कहा है कि कोई भी बीमा कंपनी अपने ग्राहकों के साथ इस आधार पर भेदभाव नहीं कर सकती कि वह उनके उत्पादों को वापस कर रहा है। उक्त श्रेणी के बीमा उत्पाद अगर सात वर्षों तक चलाये जा चुके हैं, तो उसके बाद ग्राहकों की तरफ से इन्हें सरेंडर करने पर भी कम से कम कुल अदा की गई प्रीमियम की राशि का 90 फीसद लौटाई जाएगी।
अगर बीच में कोई दूसरा लाभ ग्राहकों को संविदा के हिसाब से दिया गया है, तो वह इसमें घटाई जा सकती है। चार वर्ष से सात वर्ष के भीतर कुल प्रीमियम का 50 फीसद तक राशि लौट सकती है। सिंगल प्रीमियम उत्पादों के बारे में कहा गया है कि प्रीमियम की 75 फीसद तक राशि तीसरे वर्ष तक, चौथे वर्ष के बाद 90 फीसद तक प्रीमियम की राशि लौटाने की व्यवस्था हो सकती है।