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क्रूड आयात का भुगतान रुपये में करने पर होगी बात, यहां जानें डिटेल्स

हाल ही में संसदीय समिति ने क्रूड आयात बिल रुपये में नहीं होने पर चिंता जताई गई है। यह मुद्दा बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में प्रमुखता से उठने वाली है। भारत और रूस कच्चे तेल के कारोबार को आपसी करेंसी में करने को लेकर फिर बातचीत हुई।

By Jagran News Edited By: Ankita Pandey Updated: Tue, 26 Dec 2023 09:05 PM (IST)
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क्रूड आयात का भुगतान रुपये में करने पर होगी बात
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारत और रूस कच्चे तेल के कारोबार को आपसी करेंसी में करने को लेकर एक बार फिर बातचीत करेंगे। यह मुद्दा बुधवार को रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश मंत्री एस जयशंकर के बीच होने वाली द्विपक्षीय बैठक में प्रमुखता से उठने वाली है। अभी तक भारत की तरफ से कोशिशों के बावजूद रूस ने अपने कच्चे तेल की कीमत भारतीय रुपये में लेने को तैयार नहीं हुआ है।

कुछ दिन पहले यह सूचना भी आई थी कि रूस की तरफ से भारतीय कंपनियों से चीन की मुद्रा में भुगतान लेने को तैयार है। हाल ही में एक संसदीय समिति ने कच्चे तेल के आयात का भुगतान रुपये में नहीं किये जाने पर चिंता जताई थी।

आयात का भुगतान रुपये में करने की इजाजत

जुलाई, 2022 में आरबीआई ने आयात का भुगतान रुपये में करने की इजाजत देने का नियम लागू किया था। अभी तक कच्चे तेल के आयात में सिर्फ यूएई को एक बार रुपये में भुगतान किया गया है।यह पहला मौका नहीं है जब दोनो देशों के बीच रुपये व रूबल में सौदा करने को लेकर बात हुई है।

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दोनो देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक में और इसके पहले दिसंबर, 2021 में पीएम नरेन्द्र मोदी व राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के बीच हुई बैठक में भी यह मुद्दा उठा था। लेकिन इसकी राह में कई तरह की दिक्कतें हैं। आरबीआइ की तरफ से संबंधित नियम आने के बाद रूस के बैंकों को भारतीय बैंक में वोस्ट्रो खाता खोलने की इजाजत भी दी गई है।

अगस्त, 2023 में केंद्र सरकार ने संसद में बताया था तकरीबन रूस के बैंकों की तरफ से 34 वोस्ट्रो खाता (विदेशी मुद्रा में भुगतान के लिए) खोलने को इजाजत दी गई है। इसके बावजूद जमीनी तौर पर दोनो देशों के बीच कारोबार के भुगतान का तरीका अमेरिकी डालर ही है।

बताया जा रहा है कि दोनों विदेश मंत्री कुछ नये विकल्पों पर बात करेंगे। चूंकि भारत अपनी जरूरत के क्रूड का एक बड़ा हिस्सा रूस से आयात करने लगा है। इसके एक हिस्से का भुगतान रुपये में करने की व्यवस्था होने से देश की इकोनमी को काफी फायदा होने की संभावना है जताई जा रही है।

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