Share Market Outlook: ये 5 फैक्टर तय करेंगे, इस हफ्ते आपको शेयर मार्केट से नफा होगा या नुकसान
पिछले हफ्ते भारतीय शेयर मार्केट में लगातार बढ़त देखने को मिली। हालांकि आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को मुनाफावसूली के चलते गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों ही लाल निशान में बंद हुए। इस हफ्ते भी कई अहम इवेंट होने वाले हैं जो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आइए इनके बारे में विस्तार से जानते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पिछले हफ्ते भारतीय शेयर मार्केट में लगातार बढ़त देखने को मिली। हालांकि, आखिरी कारोबारी दिन यानी शुक्रवार को मुनाफावसूली के चलते गिरावट आई। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों ही लाल निशान में बंद हुए। इस हफ्ते भी कई अहम इवेंट होने वाले हैं, जो शेयर मार्केट के उतार-चढ़ाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं। इस हफ्ते बुधवार (1 मई) को महाराष्ट्र दिवस होने से ट्रेडिंग बंद भी रहेगी।
चौथी तिमाही के नतीजे
इस हफ्ते भी कंपनियों के वित्त वर्ष 2023-24 की चौथी तिमाही के नतीजे (Q4FY2024 earnings) आने जारी रहेंगे। इस दौरान BSE पर लिस्टेड 200 से अधिक कंपनियां नतीजों का एलान का करेंगी। सबसे ज्यादा नजर रहेंगी अदाणी ग्रुप (Adani Group) पर। इस हफ्ते अदाणी एंटरप्राइजेज, अदाणी पोर्ट्स, अदाणी टोटल गैस, अदाणी पावर और अदाणी विलमर जैसी कंपनियों के तिमाही नतीजे आ सकते हैं।
साथ ही, कोटक महिंद्रा बैंक भी अपने नतीजों का एलान कर सकता है, जो रिजर्व बैंक (RBI) के बैन की वजह से फिलहाल चर्चा में है। टाटा ग्रुप की बात करें, तो उसकी टाइटन, टाटा केमिकल्स और टाटा टेक्नोलॉजीज के रिजल्ट आ सकते हैं। डाबर इंडिया और ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज के रिजल्ट भी इसी हफ्ते की उम्मीद है।
नतीजों पर प्रतिक्रिया
ICICI Bank, Yes Bank, RBL Bank और IDFC First Bank ने शनिवार को नतीजों का एलान किया था, जब मार्केट बंद था। ऐसे में निवेशक सोमवार को बाजार खुलने पर इन पर भी अपनी प्रतिक्रिया देंगे। साथ ही, बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मार्केट बंद होने से थोड़ा पहले रिजल्ट जारी किया था। उस पर भी मार्केट ठीक से रिस्पॉन्स नहीं दे पाया था। ज्यादातर बैंकों का प्रदर्शन अच्छा रहा। यस बैंक ने तो अपना मुनाफा 123 प्रतिशत बढ़ाकर एनालिस्टों को भी चौंका दिया।
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कच्चे तेल (Crude Oil) का भाव
भू-राजनीतिक तनाव के बीच क्रूड ऑयल की कीमतों भी मार्केट की चाल पर असर डालेंगी। भारत समेत दुनियाभर के केंद्रीय बैंक महंगाई को काबू करने की कोशिश कर रहे हैं और इसी वजह से ब्याज दरों में भी बदलाव करने से हिचक रहे हैं। इस हफ्ते भी मार्केट की मिडल ईस्ट के तनाव पर नजर रहेगी, जो तेल की कीमतों को सबसे अधिक प्रभावित कर सकती है।
डॉलर के मुकाबले रुपये की कीमत
पिछले हफ्ते के आखिरी कारोबारी सत्र में डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मामूली बदलाव के साथ बंद हुआ था। हालांकि, इसने साप्ताहिक दर के हिसाब से अपनी सबसे दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। यह पिछले हफ्ते अपने ऑल-टाइम लो-लेवल से भी रिकवर कर चुका है। शुक्रवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 83.31 के स्तर पर बंद हुआ। जानकारों का मानना है कि रुपया अभी थोड़ा और मजबूत हो सकता है। इस हफ्ते भी मार्केट की रुपये पर करीबी नजर रहेगी।
विदेशी निवेशकों की प्रतिक्रिया
अगर शुक्रवार की बात करें, तो फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) ने जमकर बिकवाली की। वहीं, डोमेस्टिक इंस्टीट्यूटशनल इन्वेस्टर्स (DII) का पूरा फोकस खरीदारी पर रहा। इस हफ्ते भी शेयर बाजार की दिशा तय करने में इन दोनों की अहम भूमिका रहेगी।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट लिमिटेड में रिसर्च के हेड संतोष मीणा का कहना है, 'वैश्विक मोर्चे पर यूएस फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) मीटिंग 1 मई को होगी, जो शेयर बाजार के लिहाज से काफी अहम होगी। वहीं, अमेरिका के साथ चीन भी अपना इकोनॉमिक डेटा जारी करेगा। इन सभी घटनाओं पर निवेशकों की पैनी नजर रहेगी।'
(पीटीआई से इनपुट के साथ)