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Penny Stocks: मालामाल से ज्यादा कंगाल करते हैं पेनी स्टॉक, निवेश से पहले इन बातों का रखें ध्यान

भारत में 10 रुपये से कम पर ट्रेड करने वाले शेयर पेनी स्टॉक होते हैं। इन कंपनियों का मार्केट कैप भी ज्यादा नहीं होता। इन्हें माइक्रोकैप भी कहा जाता है। पेनी स्टॉक के साथ भारी जोखिम जुड़ा होता है। कुछ कंपनियां काफी तेजी से तरक्की करती हैं और जल्द ही काफी बड़ी बन जाती हैं। पेनी स्टॉक के साथ कई जोखिम भी जुड़े होते हैं जिनका ध्यान रखना चाहिए।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 11 Jun 2024 08:00 AM (IST)
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पेनी स्टॉक में लाभ से अधिक नुकसान होने की आशंका रहती है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। क्या आपने कभी सोचा है कि अगर आपने रिलायंस इंडस्ट्रीज, अदाणी एंटरप्राइजेज या बजाज फाइनेंस में शुरुआती दिनों में निवेश किया होता, तो आपके कितने मजे होते? इन सभी ने दिग्गज कंपनी बनने से पहले पेनी स्टॉक के तौर पर शुरुआत की थी। आप चंद रुपये में उन शेयरों को खरीद सकते थे, जिनकी कीमत आज सैकड़ों या फिर हजारों रुपये में है। यह तो सपना होता है अधिकतर पेनी स्टॉक इन्वेस्टर्स का।

पेनी स्टॉक किसे कहते हैं?

भारत में 10 रुपये से कम पर ट्रेड करने वाले शेयर पेनी स्टॉक होते हैं। इन कंपनियों का मार्केट कैप भी ज्यादा नहीं होता। इन्हें माइक्रोकैप भी कहा जाता है। पेनी स्टॉक के साथ भारी जोखिम जुड़ा होता है। कुछ कंपनियां काफी तेजी से तरक्की करती हैं और जल्द ही काफी बड़ी बन जाती हैं। भारत से इतर बात करें, तो एपल, एनवीडिया और टेस्ला जैसी आज की धुरंधरों कंपनियों ने भी बतौर पेनी स्टॉक ही शुरुआत की थी।

पेनी स्टॉक खरीदना चाहिए?

इसका जवाब पूरी तरह से आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करता है। पेनी स्टॉक में लाभ से अधिक नुकसान होने की आशंका रहती है। यह लॉटरी का महंगा टिकट खरीदने जैसा है। अगर आपकी लॉटरी लग गई यानी पेनी स्टॉक वाली कंपनी का कारोबार चल निकला, तो आप मालामाल हो जाएंगे। नहीं तो आपके निवेश की मूल रकम के वापस आने की संभावना भी न के बराबर रहती है।

ऐसे में आपको अपने पोर्टफोलियो में उतना ही पेनी स्टॉक शामिल करना चाहिए, जितना नुकसान आप आराम से झेल सके। यह खाने के बाद हल्का मीठा लेने जैसा होना चाहिए। जैसे ज्यादा मीठे का सेवन बीमारियों को न्यौता देता है, वही हाल पेनी स्टॉक में अधिक निवेश का भी हो सकता है।

पेनी स्टॉक में निवेश के फायदे

पेनी स्टॉक आपको काफी समय में मालामाल कर सकता है। आपके पैसे दोगुने, तिगुने या फिर चौगुने भी हो सकते हैं। ये शेयर काफी सस्ते होते हैं, तो आप काफी कम रकम में अधिक शेयर ले सकते हैं। म्यूचुअल फंड या इक्विटी शेयर के मुकाबले पेनी स्टॉक में दमदार रिटर्न मिलता है। कोई पेनी स्टॉक कंपनी अच्छी क्रेडिट रेटिंग, बेहतर फंडामेंटल, अच्छे मैनेजमेंट और बुलिश मार्केट की स्थिति में अचानक से सुर्खियों में आ सकती है। उस स्थिति में निवेशक रातों रात अविश्वसनीय रिटर्न कमा सकते हैं।

नुकसान ज्यादा है पेनी स्टॉक का

पेनी स्टॉक में निवेश करने से अक्सर नुकसान होता है। पेनी स्टॉक वाली अधिकतर कंपनियां छोटी होती हैं और उनके भीतर अमूमन बड़ी कंपनियों का मुकाबला कर पाने की क्षमता नहीं होती। साथ ही, पेनी स्टॉक में काफी उतार-चढ़ाव होता है, ऐसे में निवेशक तय नहीं कर पाते कि उन्हें किस प्वाइंट पर एग्जिट करना है। पेनी स्टॉक वाली कंपनियों के बारे में जानकारी भी काफी कम उपलब्ध होती है।

इस मार्केट में ट्रेडिंग वॉल्यूम भी कम होता है यानी कि शेयर बेचने और खरीदने वाले काफी कम होते हैं। इस सूरत में पेनी स्टॉक खरीदने के बाद फंसे हुए महसूस कर सकते हैं, क्योंकि आप जब शेयर बेचना चाहेंगे, तो हो सकता है कि आपको कोई खरीदार ही न मिले। कम ट्रेडिंग वॉल्यूम और स्टॉक की कीमतों के कारण पेनी स्टॉक स्कैमर्स की पहुंच में भी रहते हैं।

इन बातों का रखें खास ध्यान

पेनी स्टॉक में निवेश करते समय काफी रिसर्च की जरूरत होती है। आपको कंपनी के साथ उसके पूरे सेक्टर के भविष्य का अंदाजा होना चाहिए। अमूमन, पेनी स्टॉक वाली कंपनियां भारी कर्ज में दबी होती हैं या फिर उनके खिलाफ कोई कानूनी जांच चल रही होती है। इसलिए निवेश से पहले आपको इन फैक्टर का भी ध्यान रखना चाहिए।

हालांकि, अगर आप सभी पहलुओं पर गौर करके भी पेनी स्टॉक में पैसे लगाते हैं, तो भी जरूरी नहीं कि उसमें उछाल आए। वह काफी लंबे समय तक उसी स्तर पर बने रह सकता है या फिर नीचे भी जा सकता है। ऐसे में आपको अपने कुल पोर्टफोलियो का एक छोटे प्रतिशत से ज्यादा पेनी स्टॉक में कभी नहीं लगाना चाहिए।

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