Move to Jagran APP

भारत और बांग्लादेश के बीच INR में व्यापार समझौता, वाणिज्य सेक्टर को मिलेगा बढ़ावा

Trade settlement in INR आज दिल्ली में भारत और बांग्लादेश के बीच व्यापार समझौता हुआ है। इस समझौते को शुरू करने से लेनदेन लागत कम होकर दोतरफा वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा। इस समझौते का सीधा असर कपास मसाले कृषि उत्पाद चमड़ा कपड़ा रत्न और आभूषण लोहा और इस्पात और रसायन के क्षेत्र में दिखेगा। आइए इस समझौते के बारे में विस्तार से जानते हैं। (जागरण फाइल फोटो)

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 06 Aug 2023 05:17 PM (IST)
Hero Image
भारत और बांग्लादेश के बीच INR में व्यापार समझौता
 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज भारत और बांग्लादेश द्वारा भारतीय रुपये (आईएनआर) में सीमा पार व्यापार समझौता हुआ है। इस समझौता को शुरू करने से लेनदेन लागत कम होकर दोतरफा वाणिज्य को बढ़ावा मिलेगा। EXIM पर CII की राष्ट्रीय समिति के संजय बुधिया ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत सभी निर्यात और आयात और व्यापार लेनदेन के निपटान को रुपये में चलाया जा सकता है। इससे अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता भी कम होगी और विदेशी मुद्रा भंडार की कमी जैसी स्थितियों का समाधान होगा। इसी के साथ क्षेत्रीय मुद्रा और व्यापार को मजबूत करना।

इस समझौता का उद्देश्य

इस साल जुलाई में बांग्लादेश और भारत ने अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने और क्षेत्रीय मुद्रा और व्यापार को मजबूत करने के उद्देश्य से रुपये में व्यापार लेनदेन शुरू किया। यह पहली बार है जब बांग्लादेश ने अमेरिकी डॉलर के अलावा किसी विदेशी देश के साथ द्विपक्षीय व्यापार किया है।

राष्ट्रीय समिति के संजय बुधिया ने बांग्लादेश से कहा कि यह निश्चित रूप से राष्ट्रों के बीच व्यापार के विकास को बढ़ावा देगा और भारतीय रुपये में वैश्विक व्यापारिक समुदाय की बढ़ती रुचि का समर्थन करेगा। इसके आगे उन्होंने कहा कि बांग्लादेश वर्तमान में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी का सामना कर रहा है और भारतीय रुपये में व्यापार निपटान के प्रावधान से इस स्थिति से निपटने में काफी मदद मिलेगी जिसके परिणामस्वरूप भारत से आयात मांग में वृद्धि होगी।

भारतीय रुपये में व्यापार समझौता वित्तीय लेनदेन करने से पहले अमेरिकी डॉलर का उपयोग करने की आवश्यकता को समाप्त करके भारतीय उद्यमों के लिए विनिमय दर अनिश्चितताओं को कम करता है और इसका बांग्लादेश पर भी समान प्रभाव पड़ेगा। यह आर्थिक रूप से कुशल सीमा पार लेनदेन के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच पहले से ही महत्वपूर्ण आर्थिक संबंधों को और बढ़ाने में काफी मदद करेगा।

प्रौद्योगिकी कोष बनाने का सुझाव

बुधिया ने एक प्रौद्योगिकी कोष बनाने का सुझाव दिया है। इसके माध्यम से सरकार अनुसंधान एवं विकास और नवाचार परियोजनाओं को वित्तपोषित कर सके। इसमें निजी क्षेत्र का योगदान 60 प्रतिशत और कोष से 40 प्रतिशत का योगदान होगा।

ऐसे में उद्योग बाजार को बेहतर ढंग से तलाशने के लिए व्यापारिक प्रतिनिधिमंडलों को बांग्लादेश ले जाने पर विचार कर सकता है। ऐसे में कपास, मसाले, कृषि उत्पाद, चमड़ा, कपड़ा, रत्न और आभूषण, लोहा और इस्पात और रसायन के क्षेत्रों में विकास होगा।

बांग्लादेश दक्षिण एशिया में भारत का सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है और भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार है। बांग्लादेश और भारत के बैंकों को विदेशी मुद्रा लेनदेन के उद्देश्य से नोस्ट्रो खाते, दूसरे देश के बैंक में एक खाता खोलने की अनुमति दी गई है। बांग्लादेश की राजधानी ढाका के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, भारत को बांग्लादेश का निर्यात 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था, जबकि भारत से बांग्लादेश का आयात 13.69 बिलियन अमेरिकी डॉलर का था।