Russian bank: रुपये में विदेशी कारोबार की सुविधा देने के लिए रूस के दो बैंकों ने खोले विशेष खाते
रूस के दो बैंकों ने आरबीआइ से अनुमति मिलने के बाद विशेष वोस्ट्रो खाते (Vostro Account) खोले हैं। इससे विदेश में रुपये में कारोबार संभव हो सकेगा। रूस के सबसे बड़े बैंक स्बरबैंक और दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी बैंक को रुपये में कारोबार करने की मंजूरी मिली है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। रूस के दो बैंकों ने आरबीआइ से अनुमति मिलने के बाद विशेष वोस्ट्रो खाते (Vostro Account) खोले हैं। इससे विदेश में रुपये में कारोबार संभव हो सकेगा। रूस के सबसे बड़े बैंक स्बरबैंक और दूसरे सबसे बड़े बैंक वीटीबी बैंक किसी अन्य देश के ऐसे पहले बैंक हैं, जिन्हें रुपये में कारोबार करने की मंजूरी मिली है। आरबीआइ ने विदेश में कारोबार संबंधी दिशा-निर्देशों की घोषणा इस साल जुलाई में की थी।
व्यापार के लिए भुगतान रुपये में करने की होगी सुविधा
सूत्रों ने बताया कि इन बैंकों ने दिल्ली में अपनी शाखाओं में विशेष 'वोस्ट्रो खाते' खोले हैं। इससे पहले, आरबीआइ ने सार्वजनिक क्षेत्र के यूको बैंक को रूस के गैजप्रोमबैंक के साथ विशेष 'वोस्ट्रो' खाता खोलने की अनुमति दी थी। इस प्रकार का खाता होने से, भारत तथा रूस के बीच व्यापार के लिए भुगतान रुपये में करने की सुविधा मिलेगी। इस तरह भारतीय मुद्रा में सीमापार व्यापार करना संभव हो पाएगा।
रुपये में आयात-निर्यात लेनदेन को बढ़ावा देने पर जोर
मालूम हो कि आरबीआइ डालर पर निर्भरता कम करने के लिए रुपये में विदेशी कारोबार को बढ़ावा देना चाहता है। पिछले महीने केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय ने बैंकों और कारोबारियों के संगठनों के प्रतिनिधियों से रुपये में आयात-निर्यात लेनदेन को बढ़ावा देने को कहा था।
यूको बैंक के पास पहले से है यह सुविधा
विशेष वोस्ट्रो खाता खोलने के कदम से भारत और रूस के बीच व्यापार के लिए रुपये में भुगतान करना आसान हो जाएगा। विशेष वोस्ट्रो खाता खोलने के बाद भारतीय मुद्रा में सीमा पार व्यापार सक्षम हो जाएगा। आरबीआई ने विशेष वोस्ट्रो खातों के नई व्यवस्था को लोकप्रिय बनाने में मदद करने के लिए भारत सरकार की प्रतिभूतियों में अधिशेष शेष राशि का निवेश करने की अनुमति दे दी है। मालूम हो कि यूको बैंक के पास पहले से ही ईरान के साथ वोस्ट्रो खाता-आधारित सुविधा है। आरबीआई और वित्त मंत्रालय ने पिछले ही माह बैंकों के शीर्ष प्रबंधन और व्यापार निकायों के प्रतिनिधियों से रुपये में आयात और निर्यात लेन-देन को आगे बढ़ाने के लिए कहा था।
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