UBS & Credit Suisse Merger: भारत में कितना बड़ा है दोनों बैंकों का कारोबार? विलय का क्या होगा असर
UBS and Credit Suisse Business and Impact in India क्रेडिट सुइस का यूबीएस बैंक द्वारा अधिग्रहण किए जाने पर दोनों के वैश्विक कारोबार का जल्द विलय हो सकता है। इसके दायरे में भारतीय कारोबार भी आ सकता है। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। यूबीएस एजी की ओर से क्रेडिट सुइस का अधिग्रहण कर लिया गया है। दोनों बैक की भारत में इन्वेटमेंट बैंकिंग और वैल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में एक्टिव हैं। वहीं, क्रेडिट सुइस के पास बैंकिंग लाइसेंस भी है और मुंबई में एक ब्रांच का परिचालन करता है।
UBS की भारत में मौजूदगी
2009 में यूबीएस को आरबीआई की ओर से बैंकिंग लाइसेंस दिया गया था। कई कारणों की वजह बैंक भारत में सफल नहीं हो पाया और जून 2013 में भारत में अपने बैंकिंग कारोबार को बंद करने के साथ ही आरबीआई को बैंकिंग लाइसेंस वापस कर दिया।
यूबीएस, भारत में इन्वेटमेंट बैंकिंग और वैल्थ मैनेजमेंट के कारोबार का सफलतापूर्वक परिचालन कर रहा है। बाजार नियामक सेबी के पास यूबीएस सिक्योरिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के नाम से ब्रोकर से रूप में पंजीकृत है। भारत को यूबीएस ने अपना एक बड़ा टेक्नोलॉजी हब बना रखा है, जहां ठीक ठाक संख्या में कर्मचारी काम करते हैं।
Credit Suisse की भारत में मौजूदगी
जनवरी 2013 में क्रेडिट सुइस को आरबीआई से बैंकिंग लाइसेंस मिला था। बैंक की मुंबई में एक ब्रांच है और इसका कारोबार 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का है, जो इसे भारत में 12वां सबसे बड़ा विदेशी बैंक बनाता है। यूबीएस की तरह यह भी क्रेडिट सुइस सिक्योरिटीज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड इन्वेटमेंट बैंकिंग और वैल्थ मैनेजमेंट सेक्टर में एक्टिव है। यह हाई नेटवर्थ, कॉरपोरेट और संस्थागत निवेशकों को सेवाएं देता है।