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Unified Pension Scheme: यूनिफाइड पेंशन स्कीम से कर्मचारियों की होगी चांदी, सरकार का भी घटेगा बोझ

एनपीएस के तहत पेंशन फंड में सरकार 14 प्रतिशत देती है तो कर्मचारी अपने वेतन और महंगाई भत्ता का 10 प्रतिशत का योगदान देती है। इस पूरे फंड को कर्मचारी अपने हिसाब से मैनेज कर सकता है। मतलब उस फंड का पैसा कहां लगेगा यह कर्मचारी तय कर सकता है। यूपीएस में 10 प्रतिशत कर्मचारी तो 18.5 प्रतिशत सरकार अपना योगदान देगी।

By Jagran News Edited By: Yogesh Singh Updated: Sun, 25 Aug 2024 09:02 PM (IST)
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यूपीएस में 10 प्रतिशत कर्मचारी तो 18.5 प्रतिशत सरकार अपना योगदान देगी।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) के बढ़ते भार को देखते हुए ही सरकार ने वर्ष 2004 में नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) की शुरुआत की थी ताकि सरकार पर बढ़ते आर्थिक बोझ को कम किया ज सके। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 1991 में केंद्र का पेंशन बिल 3272 करोड़ तो राज्य का 3131 करोड़ का था जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर बढ़कर 1,90,886 करोड़ हो गया तो राज्यों का बिल 3,86001 करोड़ हो गया।

एनपीएस के तहत पेंशन फंड में सरकार 14 प्रतिशत देती है तो कर्मचारी अपने वेतन और महंगाई भत्ता का 10 प्रतिशत का योगदान देती है। इस पूरे फंड को कर्मचारी अपने हिसाब से मैनेज कर सकता है। मतलब उस फंड का पैसा कहां लगेगा, यह कर्मचारी तय कर सकता है। यूपीएस में 10 प्रतिशत कर्मचारी तो 18.5 प्रतिशत सरकार अपना योगदान देगी। सूत्रों के मुताबिक कर्मचारी इस 28.5 प्रतिशत में से 20 प्रतिशत फंड को मैनेज कर सकेगा, बाकी के 8.5 प्रतिशत फंड को सरकार अपने हिसाब से मैनेज करेगी। इस वजह से भविष्य में सरकार पर पेंशन का भार कम आएगा।

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ओपीएस में इस प्रकार के फंड की कोई व्यवस्था नहीं थी और सरकार ही पूरी तरह से कर्मचारियों की पेंशन का बोझ उठाती थी। आगामी एक अप्रैल से लागू होने वाली यूपीएस में नौकरी के अंतिम वर्ष के औसत सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में निर्धारित होगा। जबकि ओपीएस में अंतिम वेतन का 50 प्रतिशत निर्धारित किया जाता था। यहां पर थोड़ा अंतर है क्योंकि अंतिम वर्ष में प्रमोशन मिलने पर सैलरी अगर बढ़ जाती है तो उस सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन नहीं मिलकर उस साल के औसत वेतन का 50 प्रतिशत निर्धारित होगा। एनपीएस में पेंशन की कोई सीमा निर्धारित नहीं थी और यह राशि कुछ भी हो सकती थी।

यूपीएस में 10 साल नौकरी करने के बाद रिटायरमेंट के बाद कम से कम 10,000 रुपए पेंशन तो हर हाल में मिलेगी। पेंशनर्स के निधन के बाद उनके परिवार को उउनकी आखिरी पेंशन की 60 प्रतिशत राशि दी जाएगी। एनपीएस में ऐसी व्यवस्था नहीं थी।

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