Budget 2024: सर्द माहौल में शांत विपक्ष, सक्रिय सत्तापक्ष ने किया एक दूसरे को हैरान; 58 मिनट तक न टोकाटाकी हुई, न शोर-शराबा
ठंड के मौसम में राजधानी दिल्ली में बारिश की बौछार का असर हो या फिर विपक्ष के लिए लगातार बनते जा रहे मुश्किल सियासी हालात। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रत्याशित रूप से सदन में लगभग मूरत की तरह बैठे विपक्ष की शांति के बीच लोकसभा में अपने अंतरिम बजट भाषण को पूरी गति से सरपट दौड़ाया। सत्तापक्ष को शांत चित विपक्ष ने सियासी गरमागरमी का कोई मौका नहीं दिया।
संजय मिश्र, नई दिल्ली। ठंड के मौसम में राजधानी दिल्ली में बारिश की बौछार का असर हो या फिर विपक्ष के लिए लगातार बनते जा रहे मुश्किल सियासी हालात। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अप्रत्याशित रूप से सदन में लगभग मूरत की तरह बैठे विपक्ष की शांति के बीच लोकसभा में अपने अंतरिम बजट भाषण को पूरी गति से सरपट दौड़ाया।
केवल मेजें थपथपाने तक सक्रिय रहे सत्तापक्ष को शांत चित विपक्ष ने सियासी गरमागरमी का कोई मौका नहीं दिया, तो वित्तमंत्री ने केवल 58 मिनट में अपने अंतरिम बजट भाषण एक्सप्रेस को मंजिल तक पहुंचा दिया।
वित्तमंत्री ने लुभावनी घोषणा नहीं की
बजट चाहे अंतरिम ही हो, मगर आम चुनाव से ठीक पहले इस मौके पर सदन में विपक्ष का कोई सांसद जुबान भी नहीं खोलेगा, इसकी उम्मीद नहीं थी। तो चुनावी मौसम में वित्तमंत्री की पोटली से किसी भी वर्ग के लिए एक भी लुभावनी घोषणा नहीं होगी, ऐसी अपेक्षा नहीं थी।
वित्तमंत्री के भाषण के दौरान एक भी टोका-टाकी नहीं
इस लिहाज से उम्मीदों और अपेक्षाओं की कसौटी पर सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने एक दूसरे को हैरान किया कि वित्तमंत्री के 58 मिनट के भाषण के दौरान एक बार भी टोका-टाकी तो दूर विपक्ष ने अपने होंठ तक नहीं हिलाए तो सत्ताधारी बेंच का आक्रामक तरीके से हावी रहने का अंदाज भी इस दौरान सामने नहीं आया।
लोकसभा का माहौल बेहद शांत था
आम चुनाव की सियासी बिसात चाहे बाहर कितनी तेजी से बिछाई जा रही हो, मगर लोकसभा में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी लेखानुदान बजट भाषण शुरू किया तो लोकसभा का माहौल बेहद शांत था। विपक्षी बेंच अपनी पूरी क्षमता में नहीं थीं तो सत्तापक्ष की भी काफी सीटें खाली थीं।
पीएम मोदी का सांसदों ने स्वागत किया
हालांकि बजट भाषण के आधे घंटे बाद दोनों तरफ की संख्या में कुछ और इजाफा हुआ। वैसे सदन के इस शांत माहौल में थोड़ी सक्रियता दो-तीन मौके पर नजर आयी। इसमें पहला मौका सदन की बैठक शुरू होने से पूर्व तब आया जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में प्रवेश किया। सत्ताधारी भाजपा के सांसदों ने मेजें थपथपाते और भारत माता तथा जय श्रीराम के नारे लगाते हुए पीएम का सदन में स्वागत किया।
सदन में निर्बाध भाषण पढ़ रहीं वित्तमंत्री ने अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद पीएम की ओर से घरों पर सोलर प्लांट लगाने को लेकर की गई घोषणा की कार्ययोजना में 300 यूनिट तक बिजली मुफ्त के प्रस्ताव की बात कही तब सत्तापक्ष के सदस्यों ने मेज थपथपाने के साथ एक बार फिर जय श्रीराम के नारे लगाकर सदन की तंद्रा तोड़ने की कोशिश की।
निरपेक्ष भाव से वित्तमंत्री को सुनता रहा विपक्ष
हालांकि, इसके बावजूद विपक्षी सांसदों ने किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दिखाई और निरपेक्ष भाव से वित्तमंत्री को सुनते रहे। विपक्षी बेंच की अग्रिम पंक्ति में बैठी कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, द्रमुक नेता टीआर बालू और तृणमूल नेता सुदीप बंधोपाध्याय वित्तमंत्री के भाषण को निरपेक्ष भाव से सुनते-देखते रहे।
वित्तमंत्री ने सत्तापक्ष की कई मौकों पर तालियां बटोरी
संसद के नए भवन में पहला अंतरिम बजट रखने पहुंची निर्मला सीतारमण ने गहरे आसमानी रंग की सिल्क की साड़ी पहन रखी थी जिस पर सुनहरे छाप की प्रिंट थी। बीते पांच साल के साथ वित्तमंत्री ने मोदी सरकार के 10 साल के दौरान हुए कई ऐसे बड़े फैसलों का जिक्र किया जिसका राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में भी विस्तार से उल्लेख किया था पर वित्तमंत्री ने इसके लिए सत्तापक्ष की कई मौकों पर तालियां बटोरी।
वित्तमंत्री ने लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने की घोषणा की
खासकर तब जब मध्यम वर्ग के घर का सपना साकार करने और मेडिकल कॉलेजों की संख्या बढ़ाने के सरकार के भविष्य के इरादों की चर्चा की। मालदीव के मंत्रियों के बयान से बढ़ी कटुता के मद्देनजर वित्तमंत्री ने जब लक्षद्वीप में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाने की घोषणा की तो स्वाभाविक रूप से भाजपा सांसदों ने अब तक एक गति से थपथपाए जा रहे मेजों की ध्वनि को और उंचा करने से गुरेज नहीं किया।
करदाताओं की प्रशंसा से दोनों तरफ उत्सुकता जगी
वित्तमंत्री ने भाषण के दूसरे हिस्से में जब टैक्स भरने वाले करदाताओं की प्रशंसा की तो सदन में दोनों तरफ कुछ उत्सुकता जगी कि चुनाव से पहले इस वर्ग के लिए शायद कुछ राहत की पोटली खुलने वाली है। मगर अगली पंक्तियों में ही प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों कर ढांचों में किसी तरह का बदलाव नहीं करने की घोषणा कर कुछ पलों के लिए जगी इस उत्सुकता को तत्काल शांत कर दिया।
वित्तमंत्री के बजट भाषण और लेखानुदान पेश करने के बाद पीएम मोदी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और गृहमंत्री अमित शाह ने निर्मला के पास जाकर उनको बधाई दी।
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