वित्तीय मजबूती: कर्ज में कमी और टैक्स में बढ़ोतरी से राजकोषीय घाटे को 5.1 प्रतिशत पर लाने का रखा लक्ष्य
वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण समय होने के बावजूद सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचय दिया है। बढ़ते राजस्व व घटते कर्ज से सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को आसानी से हासिल करती दिख रही है। आने वाले वर्षों में भी सरकार को ऐसे ही प्रदर्शन का भरोसा है। तभी अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटे में लगातार कमी का अनुमान लगाया है।
राजीव कुमार, नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर चुनौतीपूर्ण समय होने के बावजूद सरकार ने कुशल वित्तीय प्रबंधन का परिचय दिया है। बढ़ते राजस्व व घटते कर्ज से सरकार राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को आसानी से हासिल करती दिख रही है। आने वाले वर्षों में भी सरकार को ऐसे ही प्रदर्शन का भरोसा है। तभी अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटे में लगातार कमी का अनुमान लगाया है।
चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए सरकार ने राजकोषीय घाटे का लक्ष्य जीडीपी का 5.9 प्रतिशत रखा था, लेकिन अब राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.8 प्रतिशत करने का अनुमान लगाया है। आगामी वित्त 2024-25 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है। वैसे ही, वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 4.5 प्रतिशत या इससे कम रहने का अनुमान लगाया गया है।
आगामी वित्त वर्ष में कर्ज में कमी लाने का लक्ष्य
सरकार ने चालू वित्त वर्ष के मुकाबले आगामी वित्त वर्ष में अपने टैक्स को बढ़ाने तो कर्ज में कमी का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष में ऋण प्राप्तियां 17,61424 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है जबकि आगामी वित्त वर्ष 2024-25 में ऋण प्राप्तियां 1681944 करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है।
चालू वित्त वर्ष में 23.24 लाख करोड़ टैक्स से प्राप्त होगा
बजट घोषणा के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में उधारी को छोड़ सरकार की कुल प्राप्तियां 27.56 लाख करोड़ रहने का अनुमान है। इनमें 23.24 लाख करोड़ टैक्स से प्राप्त होगा। चालू वित्त वर्ष में कुल खर्च 44.90 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है।
आगामी वित्त वर्ष में खर्च 47.66 लाख करोड़ रहने का अनुमान
वहीं, आगामी वित्त वर्ष में कुल प्राप्ति (उधारी को छोड़) 30.80 लाख करोड़ तो कुल खर्च 47.66 लाख करोड़ रहने का अनुमान लगाया गया है। आगामी वित्त वर्ष में 26.02 लाख करोड़ रुपए टैक्स से प्राप्त होने का अनुमान लगाया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री कहते हैं कि आर्थिक मजबूती को देखते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे के 4.5 प्रतिशत के लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है।
विनिवेश से सरकार को लगभग 11,000 करोड़ मिले
जानकारों का कहना है कि टैक्स संग्रह में बढ़ोतरी के साथ सरकार को चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों से पहले के मुकाबले काफी अधिक लाभांश मिला है। हालांकि, विनिवेश से सरकार को लगभग 11,000 करोड़ ही मिले। सरकार ने आगामी वित्त वर्ष में विनिवेश का कोई लक्ष्य तय नहीं किया है।
कैसे कम होता चला गया राजकोषीय घाटा
वित्त वर्ष 2020-21 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 9.2 प्रतिशत कम हुआ, 2021-22 में 6.8 प्रतिशत, 2022-23 में 6.4 प्रतिशत, 2023-24 में 5.8 प्रतिशत और 2024-25 में 5.1 प्रतिशत कम हुआ।