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Onion Price Hike: अब नहीं रुलाएगा 'महंगा प्‍याज', सरकार ने इसकी कीमतों को काबू में रखने के लिए लिया यह बड़ा फैसला

Onion Price Hike जमाखोरी और बारिश के कारण प्‍याज की कीमतें कमोबेश हर साल बढ़ जाती हैं। अब इस समस्‍या से निपटने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। कहा जा रहा है कि इस कदम से देश में प्‍याज की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिलेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Mon, 11 Jul 2022 08:02 PM (IST)
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प्याज की कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। जमाखोरों को काबू में रखने और प्याज की कीमतों को स्थिर बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने प्याज के उत्पादन वाले सीजन में मजबूत बफर स्टाक बनाने का फैसला किया है। इसके लिए सहकारी संस्था नैफेड को ढाई लाख टन प्याज की खरीद करने का लक्ष्य दिया गया है। अब तक अधिकतम दो लाख टन का बफर रहा है। खरीद एजेंसी उत्पादक राज्यों मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र में आगे बढ़कर प्याज का स्टाक खरीद भी रही है।

जल्‍द हासिल कर लिया जाएगा खरीद का लक्ष्‍य 

संभव है कि अगले पखवाड़े तक खरीद लक्ष्य पूरा कर लिया जाए। प्याज की किल्लत का समय अगस्त से अक्तूबर माह के बीच होता है, जब प्याज की कीमतें सातवें आसमान को छूने लगती हैं।

महंगाई पर लगाम कसने की रणनीति रही कारगर

घरेलू जिंस बाजार में प्याज जैसी संवेदनशील जिंस की महंगाई को लेकर जहां उपभोक्ता हलकान होता है, वहीं राजनीतिक घमासान मच जाता है। केंद्र सरकार ने इसके लिए कुछ साल पहले टमाटर, प्याज और आलू (टाप) के लिए आपरेशन ग्रीन स्कीम शुरू की थी, जिसका प्रदर्शन बहुत संतोषजनक नहीं रहा। लेकिन बफर स्टाक के मार्फत जिंस बाजार में इन सब्जियों की महंगाई पर लगाम कसने की रणनीति जरूर कारगर साबित हुई।

खुले में हवादार शेड बने कारगर

आलू के लिए कोल्ड स्टोरों की संख्या पर्याप्त है, लेकिन प्याज के लिए ऐसे गोदाम उपयोगी नहीं हो रहे हैं। प्याज के लिए खुले में हवादार शेड ही काफी हद तक कारगर हैं। हालांकि सरकार इसके लिए अलग हाथ पांव मार रही है। देश के बड़े तकनीकी शिक्षण संस्थानों और विश्वविद्यालयों के समक्ष यह चुनौती रखी गई है।

311 लाख टन पैदावार होने की उम्मीद

हार्टिकल्चर वर्ष 2021-22 के प्रथम एडवांस एस्टीमेट के मुताबिक प्याज की पैदावार पिछले साल के 266 लाख टन के मुकाबले 311 लाख टन होगी। लेकिन प्याज का एक बड़ा हिस्सा हार्वेस्टिंग के समय नष्ट हो जाता है।

प्याज को स्टाक करना एक बड़ी चुनौती

इसके अलावा प्याज को स्टाक करना एक बड़ी चुनौती है, जिसमें भारी नुकसान होता है। जबकि घरों में प्याज की खपत 165 से 170 लाख टन होती है। प्याज की कीमतों के सातवें आसमान पर पहुंचने पर सरकार ने जब भी इसका आयात किया वह कभी भी 45 से 46 हजार टन से अधिक नहीं रहा है। इसीलिए सरकार ने बफर स्टाक ढाई लाख टन से भी अधिक करने का मन बनाया है।