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UPI Payments: PPI मर्चेंट लेनदेन में लगने जा रही है इंटरचेंज फीस, जानें नए नियम से जुड़ी हर बात

UPI Payments above Rs 2000 1 अप्रैल से ऑनलाइन मर्चेंट लेनदेन भुगतान पर इंटरचेंज चार्ज लगाया जा रहा है। ऐसे में आपके मन में भी होगा कि ये इंटरचेंज चार्ज क्या है और यह किस तरह के ऑनलाइन भुगतान में लग रहा है। तो चलिए जानते हैं।

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Wed, 29 Mar 2023 11:52 AM (IST)
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UPI Marchent Transactions Above RS 2000 Charge 1.1 Percent Interchange Fee Via PPI
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अगर आसान भुगतान के लिए आप भी प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (PPI) मर्चेंट लेनदेन का इस्तेमाल करते हैं तो भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने 1 अप्रैल से प्रीपेड भुगतान उपकरणों का उपयोग करके किए गए मर्चेंट UPI लेनदेन पर 1.1 प्रतिशत तक का इंटरचेंज चार्ज पेश किया है। यह ऑनलाइन व्यापारियों, बड़े व्यापारियों और छोटे व्यापारियों को किए गए 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई भुगतान पर लगाया जा रहा है। हालांकि, आम जनता बिना बिना किसी चिंता के यूपीआई का इस्तेमाल कर सकते हैं और इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा।

ऐसे में बहुत-से सवाल आता है कि ये इंटरचेंज चार्ज क्या है और क्या यह सभी तरह के ऑनलाइन भुगतान में लगने वाला है या फिर यह एक खास सेगमेंट को प्रभावित करने वाला है। आज हम इसी से जुड़े सवालों के जवाब लेकर आए हैं।

क्या है इंटरचेंज शुल्क?

इंटरचेंज शुल्क भुगतान सेवा प्रदाताओं द्वारा वॉलेट जारीकर्ताओं जैसे कि बैंकों को दिया जाने वाला शुल्क है। ये वॉलेट मुख्य रूप से पेटीएम (Paytm), फोनपे ( PhonePe) और गूगल पे (Google Pay) जैसे ऑनलाइन भुगतान साधक हैं। इस तरह ये फीस लेन-देन को स्वीकार करने, संसाधित करने और अधिकृत करने की लागत को कवर करने के लिए लगाया गया है।

क्या हर UPI भुगतान पर लगेगा ये शुल्क?

जैसा कि पहले बताया गया है यह शुक्ल मर्चेंट UPI लेनदेन में लगाया जाएगा। इसका मतलब है कि बैंक और प्रीपेड वॉलेट के बीच व्यक्ति-से-व्यक्ति लेनदेन या व्यक्ति-से-व्यापारी लेनदेन पर नहीं लगाया जाएगा। 

क्या होगा चार्जिंग शुल्क?

पीपीआई के माध्यम से किए गए 2,000 रुपये से अधिक के यूपीआई लेनदेन के लिए, 1.1 प्रतिशत का इंटरचेंज शुल्क लग रहा है, जो पेटीम या गूगल पे जैसे जारीकर्ता को वॉलेट लोडिंग शुल्क के रूप में बैंक को देना होगा। ईंधन, शिक्षा, कृषि और उपयोगिता भुगतान जैसी श्रेणियां में 0.5-0.7 प्रतिशत का इंटरचेंज चार्ज है। वहीं, खाद्य दुकानों, विशेष खुदरा दुकानों और ठेकेदारों के लिए ये शुल्क अधिकतम 1.1 है।

आम जनता पर क्या होगा असर?

इंटरचेंज शुल्क का भुगतान व्यापारियों द्वारा वॉलेट या कार्ड जारीकर्ता को किया जाता है। ऐसे में 2,000 से कम का भुगतान करने वाले छोटे व्यापारियों और दुकानदारों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। हालांकि, कुछ मामलों में यह वॉलेट-ऑन-यूपीआई पर लागू होता है, जो भुगतान कंपनियों की क्षमता और उनकी इच्छा पर निर्भर करता है।