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UPI के जरिये भुगतान की सीमा बढ़ी, डिजिटल लोन में पारदर्शिता के लिए लाए जाएंगे नियामक

आरबीआई ने शुक्रवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस के नियम में बदलाव करते हुए आम जनता को बड़ी राहत दी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि समय-समय पर यूपीआई लेनदेन सीमा की समीक्षा होती रहती है और अब अस्पताल व शैक्षणिक संस्थानों में यूपीआई भुगतान सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी यूपीआई से एक बार में एक लाख रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Fri, 08 Dec 2023 09:46 PM (IST)
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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास (फाइल फोटो)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आरबीआई ने शुक्रवार को यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के नियम में बदलाव करते हुए आम जनता को बड़ी राहत दी। अब अस्पताल और शैक्षणिक संस्थानों में एक बार में पांच लाख रुपये तक का भुगतान यूपीआई से कर सकेंगे।

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि समय-समय पर यूपीआई लेनदेन सीमा की समीक्षा होती रहती है और अब अस्पताल व शैक्षणिक संस्थानों में यूपीआई भुगतान सीमा को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा गया है। अभी यूपीआई से एक बार में एक लाख रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों या अस्पतालों की फीस कई बार यूपीआई से भरना कठिन हो जाता है और किसी दूसरे माध्यम का सहारा लेना पड़ता है।

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ई-मैंडेट्स की बढ़ी सीमा

आरबीआई गवर्नर ने रेकरिंग ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए ई-मैंडेट्स की सीमा को 15,000 रुपये से बढ़ाकर एक लाख रुपये तक करने का भी एलान किया। ई-मैंडेट्स डिजिटल रूप से ऑटो डेबिट की सुविधा होती है। क्रेडिट कार्ड व अन्य प्रकार के नियमित भुगतान के लिए लोग इस सुविधा का इस्तेमाल करते हैं।

अभी ई-मैंडेट्स के जरिये 15,000 रुपये से अधिक के भुगतान पर ओटीपी के जरिये सत्यापन करना होता है। नए नियम के बाद ई-मैंडेट्स से एक लाख तक के भुगतान पर कोई सत्यापन नहीं करना होगा। हालांकि, यह सुविधा सिर्फ क्रेडिट कार्ड और इंश्योरेंस प्रीमियम के भुगतान व म्युचुअल फंड की खरीदारी के लिए होगी। दास ने कहा,

लोन के विभिन्न उत्पादों से जुड़े वेब एग्रीग्रेटर के लिए नियामक लाने का फैसला किया गया है ताकि डिजिटल लोन में पारदर्शिता आए और ग्राहकों को कोई परेशानी नहीं हो। अभी वेब एग्रीगेटर के जरिये लोन के लेन-देन में ग्राहकों के हितों को नुकसान होता है।

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