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UPI Transaction: 57 फीसदी बढ़ा यूपीआई से लेन-देन, PhonePe और GPay की 86 फीसदी हिस्सेदारी

UPI Transaction भारत में लोग धड़ाधड़ यूपीआई ट्रांजेक्शन कर रहे हैं। यूपीआई ट्रांजेक्शन को लेकर बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) ने बैंकिंग सेक्टर राउंडअप- FY24 में कहा कि सालाना आधार पर भारत में यूपीआई ट्रांजेक्शन में 57 फीसदी की वृद्धि हुई है। यूपीआई मार्केट में 87 फीसदी की हिस्सेदारी PhonePe और GPay की है। आइए इस रिपोर्ट में विस्तार से जानते हैं।

By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Mon, 29 Jul 2024 01:13 PM (IST)
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UPI Transaction में 57 फीसदी की वृद्धि
एएनआई, नई दिल्ली। डिजिटल पेमेंट के लिए यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) लोगों की पहली पसंद है। बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (BCG) बैंकिंग सेक्टर राउंडअप- FY24 के अनुसार यूपीआई ट्रांजेक्शन में वित्त वर्ष 24 में सालाना आधार पर 57 प्रतिशत की वृद्धि देखने को मिली। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी PhonePe और Google Pay की है।

रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई के संयुक्त बाजार में PhonePe और Google Pay के पास 86 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।

डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन में आई कमी

पिछले तीन साल में क्रेडिट कार्ड ट्रांजेक्शन दोगुना बढ़ गया है। वहीं, सालाना आधार पर डेबिट ट्रांजेक्शन में 43 फीसदी की गिरावट आई है। भारतीय बैंकिंग सिस्टम ने क्रेडिट ग्रोथ में मजबूत गति बनाए रखी है। वित्त वर्ष 24 में क्रेडिट ग्रोथ 15 फीसदी और डेबिट ग्रोथ 13 प्रतिशत बढ़ी है।

वित्त वर्ष 2024 में पहली बार बैंकिंग सेक्टर का कुल नेट प्रॉफिट 3 लाख करोड़ रुपये के पार गया है। सभी बैंक ग्रुप ने रिटर्न ऑन एसेट (आरओए) में 1 फीसदी से अधिक की तेजी हासिल की। यह उच्च क्रेडिट ग्रोथ, हेल्थ फीस इनकम ग्रोथ और लो क्रेडिट ग्रोथ अच्छे होने से बैंक को लाभ हुआ है।

प्राइवेट बैंक के मुनाफा में साल-दर-साल (YoY) 25 फीसदी की वृद्धि हुई, जबकि पब्लिक सेक्टर के बैंकों (PSB) के नेट प्रॉफिट में 34 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

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बैंक को GNPA पर देना होगा ध्यान

BCG की रिपोर्ट में बताया गया कि बैंकों को अपने एसेट की गुणवत्ता पर ध्यान देने की जरूरत है। बैंकों का सकल गैर-निष्पादित संपत्ति 2.8 प्रतिशत के निचले स्तर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट में पब्लिक सेक्टर बैंक के सकल गैर-निष्पादित संपत्ति को घटाकर 3.5 फीसदी और प्राइवेट बैंक के जीएनपीए को 1.7 फीसदी से कम बताया गया।

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 के लिए भारत की आर्थिक वृद्धि सभी अनुमानों को पार करते हुए 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी। ऐसे में चालू वित्त वर्ष यानी FY25 के लिए इकोनॉमिक ग्रोथ सालाना आधार पर 6.2 प्रतिशत से 7 प्रतिशत के बीच रहने की उम्मीद है। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स (S&P Global Rating) ने भी भारत की सॉवरेन रेटिंग आउटलुक को स्थिर से सकारात्मक में अपग्रेड किया।

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