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रूस-यूक्रेन युद्ध पर जिनपिंग के रुख से खफा अमेरिका, चाइनीज कंपनियों और बैंकों पर गिर सकती है गाज

अमेरिका का मानना है कि चीन को यह सामूहिक संदेश देने की जरूरत है कि वह और उसके संस्थान जिस तरीके से रूस की मदद कर रहे हैं उससे यूरोपीय और नाटो देश काफी नाराज हैं। अमेरिकी प्रशासन ने इस बारे में जापान और दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्रियों के साथ मीटिंग भी की थी। सभी देश चीन की कंपनियों के खिलाफ एक्शन लेने का प्लान बना रहे हैं।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 01 Jun 2024 04:25 PM (IST)
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अमेरिका का मानना है कि चीन को नाराजगी का सामूहिक संदेश देने की जरूरत है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिका का जो बाइडेन प्रशासन रूस-यूक्रेन युद्ध पर चीन के रूख से काफी नाराज है। चीन की शी जिनपिंग की अगुआई वाली सरकार युद्ध के बाद से लगातार रूस का सपोर्ट कर रही है। इससे अमेरिका और उसके सहयोगी चीन की कंपनियों और वित्तीय संस्थानों के खिलाफ एक्शन लेने का प्लान बना रहे हैं। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक शीर्ष अमेरिकी अधिकारी के हवाले से यह खबर दी है।

बाइडेन प्रशासन ने पिछले साल दिसंबर में एक कार्यकारी आदेश जारी किया था। इसमें पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने में रूस की मदद करने वाले वित्तीय संस्थानों के एक्शन लेने की बात कही थी। अब अमेरिका ने उस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

चीनी कंपनियों, बैंक पर गिरेगी गाज!

अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल से सवाल किया गया कि क्या रूस का सहयोग करने के लिए चीनी सरकार और बैंकों को निशाना बनाया जा सकता है। कैंपबेल ने कहा, 'हम मुख्य रूप से उन चीनी कंपनियों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जो रूस का समर्थन करने में एक व्यवस्थित तरीके से शामिल हैं। हमने वित्तीय संस्थानों पर भी बारीकी से नजर रखी है।'

अमेरिका का मानना है कि चीन को यह सामूहिक संदेश देने की जरूरत है कि वह और उसके संस्थान जिस तरीके से रूस की मदद कर रहे हैं, उससे यूरोपीय और नाटो देश काफी नाराज हैं। अमेरिकी प्रशासन ने इस बारे में जापान और दक्षिण कोरिया के उप विदेश मंत्रियों के साथ मीटिंग भी की थी।

चीन पर निर्भरता घटाने पर फोकस

अमेरिकी उप विदेश मंत्री कर्ट कैंपबेल ने कहा, 'न सिर्फ अमेरिका, बल्कि हमारे अन्य सहयोगी देश भी ऐसा कदम उठाएंगे, जिनसे पता चलेगा कि चीन जिस तरह से रूस की मदद कर रहा है, उससे हम कितने ज्यादा नाराज है।' उन्होंने कहा कि हम ऐसे उपाय भी कर रहे हैं, जिससे महत्वपूर्ण संसाधनों के लिए रूस और चीन पर निर्भरता कम की जा सके।

कैम्पबेल ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग रक्षा शिखर सम्मेलन में दिए गए भाषण के लिए फिलीपींस के राष्ट्रपति फर्डिनेंड मार्कोस जूनियर की भी सराहना की, जहां एशियाई नेता ने विवादित दक्षिण चीन सागर में चीन के 'अवैध, बलपूर्वक और आक्रामक' कार्रवाइयों का संकेत दिया। कैम्पबेल ने भाषण की प्रशंसा करते हुए इसे मजबूत और उद्देश्यपूर्ण बताया।

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