इथेनॉल उत्पादन के लिए बढ़ाना होगा गन्ने का इस्तेमाल, क्या किसानों को मिलेगा फायदा?
क्रिसिल रेंटिंग्स का कहना है कि 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए अधिक गन्ने का इस्तेमाल करने की जरूरत होगी। इससे इथेनॉल प्रोडक्शन तो बढ़ेगा ही साथ ही मिल मालिकों को भी काफी फायदा होगा जो वित्तीय मुश्किलों से जूझ रहे हैं। इससे चीनी मिलों के कैश फ्लो में भी सुधार होगा। इसका फायदा गन्ना किसानों को भी हो सकता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। सरकार पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए जोरशोर से प्रयास कर रही है। इसके लिए 2030 तक लक्ष्य तय किया गया है, लेकिन सरकार इसे 2025-26 तक ही हासिल कर लेना चाहती है। उसका मकसद क्रूड ऑयल के आयात पर निर्भरता घटाना है, जिसमें इथेनॉल मिश्रण काफी मदद करेगा। इससे सरकारी खजाने का काफी बोझ कम होगा, क्योंकि भारत कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है।
लेकिन, क्रिसिल रेंटिंग्स का कहना है कि 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल करने के लिए अधिक गन्ने का इस्तेमाल करने की जरूरत होगी। इससे इथेनॉल प्रोडक्शन तो बढ़ेगा ही, साथ ही मिल मालिकों को भी काफी फायदा होगा, जो वित्तीय मुश्किलों से जूझ रहे हैं। इससे चीनी मिलों के कैश फ्लो में भी सुधार होगा, क्योंकि उन्हें सीधे पेट्रोलियम कंपनियों से इथेनॉल सप्लाई का पैसा मिलेगा। इसका फायदा गन्ना किसानों को भी मिल सकता है।
क्रिसिल रेटिंग्स के मुताबिक, अगर सरकार को इथेनॉल सप्लाई ईयर (ESY) 2025 तक पेट्रोल में 20 फीसदी इथेनॉल मिलाने या फिर सालाना 990 करोड़ लीटर उत्पादन का लक्ष्य हासिल करना है, तो अनाज और गन्ने दोनों के फीडस्टॉक के प्रभावी उपयोग की जरूरत होगी। अगले सीजन तक अनाज से सालाना इथेनॉल उत्पादन बढ़कर 600 करोड़ लीटर होने की उम्मीद है। इस सीजन में उत्पादन अनुमान 380 करोड़ लीटर है। बाकी इथेनॉल का उत्पादन गन्ने के जरिए होगा।
क्रिसिल रेटिंग्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल की अनियमित बारिश का गन्ना उत्पादन पर असर पड़ सकता है। ऐसे में मौजूदा सीजन में गन्ने से इथेनॉल प्रोडक्शन 250 करोड़ लीटर तक सीमित रहने की उम्मीद है। फिलहाल चीनी का उत्पादन सरकार के लिए चिंता का कोई विषय नहीं। इसलिए इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने का अधिक इस्तेमाल करने की इजाजत दी जा सकती है। बाकी इथेनॉल के बड़े हिस्से का उत्पादन अनाज के जरिए किया जाएगा।