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Vande Metro बदल कर रख देगी रेल यात्रा का अनुभव, तारीख हो चुकी है तय; Vande Bharat ट्रेनों से इन मायनों में है अलग

Vande Metro Trains वंदे मेट्रो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटी दूरी का संस्करण है जो भारत में उपनगरीय यात्रा को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य यात्रियों को किफायती मूल्य पर तीव्र शटल जैसा अनुभव प्रदान करना है। रेलवे की योजना के अनुसार 100-250 किलोमीटर की दूरी के भीतर 124 शहरों को वंदे मेट्रो से जोड़ा जाएगा

By Jagran News Edited By: Praveen Prasad Singh Updated: Thu, 02 May 2024 05:34 PM (IST)
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वंदे मेट्रो कम दूरी के भीतर प्रमुख शहरों को जोड़ेगी, जिसका लाभ मुख्‍य रूप से नौकरीपेशा लोगों को होगा।

बिजनेस डेस्‍क, नई दिल्‍ली। भारतीय रेलवे की शान वंदे भारत ट्रेनों ने रेल यात्रा के अनुभव को नया आयाम दिया है। इनकी स्‍पीड और इनमें मिलने वाली सुविधाएं आज हर किसी को आकर्षित कर रही हैं। अब इसी अनुभव को अगले स्‍तर यानी नेक्‍स्‍ट लेवल पर ले जाने की तैयारी वंदे मेट्रो ट्रेनों के जरिए की जा रही है।

जी हां, कम दूरी की यात्रा के लिए लोगों की परेशानी को दूर करने के इरादे से रेलवे मेट्रो की ही तर्ज पर वंदे मेट्रो ट्रेनों का परिचालन करने जा रहा है, जिसकी तारीख भी तय हो चुकी है। रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही बता चुके हैं कि पहली वंदे मेट्रो ट्रेन जुलाई 2024 से पटरी पर दौड़ने लगेगी। और अब इसका फर्स्‍ट लुक भी सामने आ चुका है। केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने खुद सोशल मीडिया प्‍लैटफॉर्म एक्‍स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्‍ट कर इसकी पहली झलक दिखलाई।

क्‍या है वंदे मेट्रो?

वंदे मेट्रो वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों का एक छोटी दूरी का संस्करण है, जो भारत में उपनगरीय यात्रा को बेहतर बनाने पर केंद्रित है। इसका उद्देश्य यात्रियों को किफायती मूल्य पर तीव्र, शटल जैसा अनुभव प्रदान करना है। रेलवे की योजना के अनुसार 100-250 किलोमीटर की दूरी के भीतर 124 शहरों को वंदे मेट्रो से जोड़ा जाएगा, जिससे इंटर-सिटी और इंट्रा-सिटी दोनों ही तरह की यात्रा की सुविधा मिलेगी। वंदे मेट्रो के लिए रूट भी तय किए जा चुके हैं। इनमें से कुछ महत्वपूर्ण रूटों में दिल्ली से रेवाड़ी, आगरा से मथुरा, लखनऊ से कानपुर, भुवनेश्वर से बालासोर और तिरूपति से चेन्नई शामिल हैं। फिलहाल जुलाई से ये ट्रेनें पटरियों पर दौड़ने लगेंगी। शुरुआत में इन्‍हें केवल परीक्षण के तौर पर चलाया जाएगा। वंदे भारत ट्रेनों की तरह ही वंदे मेट्रो में भी यात्रा का समय कम रहेगा।

वंदे भारत और वंदे मेट्रो में क्‍या है अंतर

  • वंदे मेट्रो कम दूरी के भीतर प्रमुख शहरों को जोड़ेगी, जिसका लाभ मुख्‍य रूप से नौकरीपेशा लोगों को होगा। वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें लंबी दूरी तय करती हैं और कई शहरों को जोड़ती हैं।
  • वंदे मेट्रो ट्रेनों की फ्रीक्वेंसी ज्‍यादा रहेगी और दो शहरों के बीच यह दो या दो से फेरे लगाएगी। वहीं लंबी दूरी की यात्राओं के लिए डिज़ाइन की गई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें आमतौर पर दिन में एक या दो बार ही चलती हैं।
  • दोनों ट्रेनों में न्यूनतम 12 कोच और अधिकतम 16 कोच हो सकते हैं, लेकिन उनके कोच का कंफिगरेशन अलग-अलग है। वंदे भारत ट्रेनों में सभी यात्रियों के लिए आरामदायक बैठने की सुविधा होती है, जबकि मेट्रो की तरह ही, वंदे मेट्रो में 100 यात्रियों के लिए सीटें और 180 यात्रियों के लिए खड़े होने की जगह होगी।
  • वंदे मेट्रो की टॉप स्‍पीड 130 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी वहीं वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें 183 किलोमीटर प्रति घंटे तक की गति तक पहुंचती हैं।