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वेदांता ने दूसरे अंतरिम डिविडेंड की दी मंजूरी, शेयरहोल्डर्स की होगी बंपर कमाई

माइनिंग सेक्टर की दिग्गज कंपनी वेदांता लिमिटेड डिविडेंड देने के लिए मशहूर है। कंपनी ने एक बार फिर मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2024-25 के डिविडेंड का एलान किया है। अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली ने शुक्रवार को बोर्ड मीटिंग के दौरान दूसरे अंतरिम डिविडेंड की मंजूरी दी। आइए जानते हैं कि कंपनी कब और कितना डिविडेंड देने वाली है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 26 Jul 2024 05:56 PM (IST)
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वेदांता के शेयर 3.79 फीसदी के उछाल के साथ 447.25 रुपये पर बंद हुए।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। डिविडेंड देने के लिए मशहूर वेदांता लिमिटेड ने शुक्रवार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए 4 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड का एलान किया है। वेदांता लिमिटेड ने बीएसई को एक फाइलिंग में बताया कि डिविडेंड के लिए कुल 1,564 करोड़ रुपये का पेमेंट किया जाएगा। अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली ने शुक्रवार को बोर्ड मीटिंग के दौरान दूसरे अंतरिम डिविडेंड की मंजूरी दी।

वेदांता ने जुटाए 8,500 करोड़ रुपये

पिछले दिनों ने माइनिंग सेक्टर के दिग्गज ग्रुप वेदांता लिमिटेड ने क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशंस प्लेसमेंट (QIP) के जरिए 1 अरब डॉलर यानी 8,500 करोड़ रुपये जुटाए। इसमें अबू धाबी इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (एडीआईए), गोल्डमैन सैक्स एएमसी, निप्पॉन म्यूचुअल फंड और एसबीआई म्यूचुअल फंड जैसे प्रमुख निवेशकों को क्यूआईपी के माध्यम से इक्विटी शेयर आवंटित किए गए।

वेदांता ने कई मोर्चों पर मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और वृद्धि दर्ज की है। इसके एल्यूमीनियम, जस्ता, चांदी, इस्पात, लौह अयस्क और फेरोक्रोम जैसे कई व्यवसायों -पिछले वित्त वर्ष में अपने उच्चतम वार्षिक उत्पादन स्तर को हासिल किया। वेदांता के शेयर शुक्रवार को 3.79 फीसदी के उछाल के साथ 447.25 रुपये पर बंद हुए।

गोल्ड माइनिंग में प्राइवेटाइजेशन की मांग

वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके सोने की सरकारी खदानों का निजीकरण करने की मांग की। अग्रवाल ने कहा, 'वैश्विक स्तर पर सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर हैं। हम अपनी जरूरत का 99.9% आयात करते हैं। बड़े पैमाने पर निवेश के साथ, हम सोने के एक प्रमुख उत्पादक और रोजगार के बड़े स्रोत बन सकते हैं। इसमें आगे बढ़ने का सबसे अच्छा तरीका है, सरकार सोने के दो एकमात्र उत्पादकों, भारत गोल्ड माइन और हट्टी गोल्ड माइन का निजीकरण कर दे।'

अग्रवाल ने निजीकरण की शर्तों भी बताईं। उन्होंने कहा, निजीकरण तीन शर्तों के साथ होना चाहिए। पहला, छंटनी नहीं की जाएगी। दूसरा, कर्मचारियों को कुछ इक्विटी दी जाएगी। तीसरा, इसे अलग-अलग हिस्सों में परिसंपत्तियों को बांटने के किसी भी प्रयास के बिना किया जाना चाहिए।'

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