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Vedanta Shares Price: लगातार गिर रहे वेदांता के शेयर, 9 फीसद तक दिखी गिरावट

Vedanta Shares Price वेदांता के शेयरों में इन दिनों गिरावट देखी गई है। कंपनी लगातार पांच सत्रों से शेयरों की कीमत में कमी झेल रही है। मंगलवार की शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर में 9 फीसदी की गिरावट आई। (फाइल फोटो)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Tue, 28 Feb 2023 02:51 PM (IST)
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Vedanta Shares Price Fall Up To 9 percent, See Details
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। बहुराष्ट्रीय खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड (Vedanta Limited) के शेयरों में लगातार गिरावट देखी जा रही है। लगातार आठ सत्रों में दबाव के बाद मंगलवार की शुरुआती कारोबार में कंपनी के शेयर में 9 फीसदी की गिरावट आई। बता दें कि पिछले पांच सत्रों में वेदांता के शेयरों की कीमत में 12 फीसदी से ज्यादा की गिरावट देखी गई है, जबकि एक महीने में यह करीब 20 फीसदी गिर चुका है।

11:40 बजे तक मामूली सुधार के साथ इसके शेयरों में 7.17 फीसदी की गिरावट के साथ 267.55 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार देखा गया है।

इस वजह से आ रही गिरावट

वेदांता के शेयर की कीमत में गिरावट केंद्र द्वारा विरोध किए जाने के बाद आई है, जिसमें लंदन स्थित वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड द्वारा हिंदुस्तान जिंक के अंतरराष्ट्रीय संपत्ति बेचने पर रोक लगाया गया है। अब इसका असर वेदांता रिसोर्सेज के डॉलर बॉन्ड की कीमतों पर पड़ा है। साथ ही भारत में इसके शेयरों पर गिरावट आ रही है।

गौरतलब है कि पिछले हफ्ते, हिंदुस्तान जिंक को बेचने के प्रस्ताव के कारण केंद्र को वैल्यूएशन को लेकर चिंता सताने लगी थी। वेदांत के पास 31 दिसंबर, 2022 तक हिंदुस्तान जिंक की 65.92 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। अब विरोध के बाद शुरुआती कारोबार में हिंदुस्तान जिंक 4 फीसदी से ज्यादा की गिरावट को झेल रहा है। वहीं, वेदांता रिसोर्सेजबॉन्ड यील्ड में 30 फीसदी से ज्यादा की गिरावट आई है।

इस कारण हो रही हिंदुस्तान जिंक की बिक्री

मूल कंपनी वेदांता काफी समय से कर्ज में था, इस वजह से कर्ज के बोझ को कम करने के लिए वेदांता के लिए हिंदुस्तान जिंक को संपत्तियों की बिक्री करना जरूरी है। रेटिंग एजेंसी एस एंड पी ग्लोबल के मुताबिक, अगर वेदांता आने वाले समय में 2 अरब डॉलर जुटाने में समर्थ नहीं रहती तो कंपनी की क्रेडिट रेटिंग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

वेदांत को 2022-23 की दूसरी छमाही तक 1.2 अरब डॉलर, वित्त वर्ष 24 तक 4.1 अरब डॉलर, वित्त वर्ष 25 तक 3.9 अरब डॉलर और वित्त वर्ष 26 तक 4.7 अरब डॉलर का भुगतान करना है।