भारत में 36,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी वेदांता
खनन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta resources) ने तीन साल के दौरान भारत में 5 अरब डॉलर यानि 36000 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए निवेश का ऐलान किया है। इसके जरिये कंपनी देश में कच्चे तेल और एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता में 50 फीसद की बढ़ोतरी करेगी।
By Ashish DeepEdited By: Updated: Fri, 02 Jul 2021 07:05 AM (IST)
नई दिल्ली, जासं। खनन क्षेत्र की अग्रणी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज (Vedanta resources) ने तीन साल के दौरान भारत में 5 अरब डॉलर यानि 36,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के नए निवेश का ऐलान किया है। इसके जरिये कंपनी देश में कच्चे तेल और एल्यूमिनियम उत्पादन क्षमता में 50 फीसद की बढ़ोतरी करेगी। वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने देश के 1,000 गांवों का समग्र विकास करने के लिए अगले 5 साल में अतिरिक्त 5,000 रुपये निवेश करने की भी घोषणा की है।
अग्रवाल ने बताया कि 5 अरब डॉलर में से 2 अरब डॉलर का निवेश तेल और गैस सेक्टर में किया जाएगा। कंपनी ने केर्यन ऑयल एंड गैस का अधिग्रहण कर भारत के एनर्जी सेक्टर में दमदार तरीके से कदम रखा था। अग्रवाल ने दावा किया कि 5 लाख बैरल रोजाना क्रूड उत्पादन करके वह सबसे बड़ी तेल उत्पादक भारतीय कंपनी ओएनीजीसी की बराबरी कर सकती है। अभी भारत विदेशी बाजार से 70-75 डॉलर प्रति बैरल की लागत से कच्चा तेल खरीदता है। कंपनी 20-25 डॉलर प्रति बैरल यानी अंतरराष्ट्रीय भाव के मुकाबले तिहाई दाम पर कच्चा तेल आपूर्ति कर रही है।
अग्रवाल ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से देश में बिक्री को लेकर कुछ समस्याएं आई हैं, लेकिन निर्यात के मोर्चे पर कोई परेशानी नहीं है। कोरोना महामारी के पहले व दूसरे दौर में कंपनी ने सुरक्षा को सर्वोच्च वरीयता देते हुए उत्पादन प्रभावित नहीं होने दिया है। उन्होंने बताया कि कंपनी कोरोना की संभावित तीसरी लहर को देखते हुए भी कई तरह की तैयारियों में जुटी है।
कंपनी की तरफ से सामुदायिक विकास के तहत ग्रामीण विकास के मद में 5,000 करोड़ रुपये का कार्यक्रम चलाने का फैसला किया है। इस रकम का इस्तेमाल तकनीकी मदद से ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को को शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में उन्नत जीवन स्तर देने में किया जाएगा। साथ ही 1,000 गांवों में 20 लाख लोगों का टीकाकरण भी कराया जाएगा। स्वस्थ गांव अभियान सात करोड़ ग्रामीण युवाओं और दो करोड़ महिलाओं के जीवन-स्तर को बेहतर करेगा।