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Government e-Marketplace पर अब ग्रामीण भी बेच सकेंगे अपने सामान, डाक सेवा और कॉमन सर्विस सेंटर से हुआ करार

Government e-Marketplace पोर्टल पर कारोबारियों के दायरे को बढ़ाने के साथ ग्रामीण उद्यमियों को जोड़ने के उद्देश्य से सीएससी और डाक सेवा के साथ यह समझौता किया गया है। Government e-Marketplace पोर्टल पर बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) कारोबार होता है

By Manish MishraEdited By: Updated: Fri, 20 May 2022 07:44 AM (IST)
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Villagers will also be able to sell their goods on the Government e-Marketplace (PC: transformingindia.mygov.in)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अब गांव के उद्यमी भी अपने सामान को गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (GEM) पोर्टल पर बेच सकेंगे। इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए जेम की तरफ से बुधवार को डाक सेवा और कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के साथ करार किया गया। सीएससी का चार लाख गांवों में अपना नेटवर्क है जिसका उपयोग ग्रामीण उद्यमियों को जेम पोर्टल पर सामान बेचने के लिए किया जाएगा। वहीं डाक विभाग ग्रामीण उद्यमियों के उत्पादों की ऑनलाइन डिलीवरी से लेकर उनके भुगतान तक का दायित्व निभाएगा।

जेम के सीईओ पीके सिंह ने बताया कि अभी जेम के पोर्टल पर 45 लाख उद्यमी पंजीकृत हैं, लेकिन इनमें से मात्र एक-सवा लाख ही सक्रिय रूप से कारोबार करते हैं। जेम पोर्टल पर कारोबारियों के दायरे को बढ़ाने के साथ ग्रामीण उद्यमियों को जोड़ने के उद्देश्य से सीएससी और डाक सेवा के साथ यह समझौता किया गया है। जेम पोर्टल पर बीटूजी (बिजनेस टू गवर्नमेंट) कारोबार होता है। उद्यमियों से सिर्फ सरकार इस पोर्टल पर खरीदारी करती है।

सिंह ने बताया कि ऐसे में ग्रामीण एक समूह बनाकर या अगर कोई ग्रामीण सक्षम है तो वह अपने स्तर पर अकेले भी जेम पोर्टल पर कारोबार कर सकता है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को जेम पोर्टल से जुड़ने के लिए जीएसटी नेटवर्क से पंजीयन होने की कोई अनिवार्यता भी नहीं होगी। ग्रामीण उद्यमियों को पोर्टल से जोड़ने का काम सीएससी के माध्यम से किया जाएगा। क्योंकि सीएससी से जुड़े विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर (वीएलई) को पता होता है कि गांव में कौन सा व्यक्ति किस चीज को बनाने में सक्षम है या वह किन चीजों का उत्पादन कर रहा है। जेम पोर्टल से जुड़ने के लिए ग्रामीण को कोई शुल्क नहीं देना होगा।

भारत में 1.5 लाख पोस्ट ऑफिस है और उनका नेटवर्क ग्रामीण इलाकों में फैला हुआ है। इसलिए डाक कर्मचारी ग्रामीण उद्यमियों के सामान की डिलीवरी देने की जिम्मेदारी संभालेंगे। डाक विभाग से लेकर सीएससी के वीएलई को इन काम के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।