DGCA ने विस्तारा से मांगी रोजाना की रिपोर्ट, मंगलवार को भी विस्तारा एयरलाइंस की 50 के करीब उड़ानें हुई रद्द
एविएशन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पहले दिन भी 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई हैं और तकरीबन 150 से ज्यादा उड़ानें विलंबित हुई हैं। इस संकट के पीछे एयर इंडिया और विस्तारा के विलय प्रक्रिया को बताया जा रहा है। विस्तारा में काम कर रहे पायलटों व क्रू मेंबरों का कहना है कि विलय के बाद उनके लिए जो वेतन-भत्ते प्रस्तावित है वह पर्याप्त नहीं है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। एक साथ दर्जनों पायलटों के छुट्टी पर जाने की वजह से विस्तारा एयरलाइंस को मंगलवार को भी तकरीबन 70 घरेलू उड़ानों को रद्द करना पड़ा है। कंपनी की तरफ से स्थिति को संभालने के लिए कई कोशिशें की जा रही हैं लेकिन हालात अस्थिर हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की एजेंसी नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने कंपनी से रोजाना की रिपोर्ट मांगी हैं जिसमें रोजाना रद्द होने वाली उड़ानों या उड़ान सेवा में विलंब होने को लेकर जानकारी देनी है।
नागरिक उड्डयन मंत्राल के स्तर पर भी पूरी निगरानी हो रही है। हालांकि मंत्रालय के स्तर पर इस पूरे घटनाक्रम से अपने आपको अलग करने की भी कोशिश की है। विस्तारा में यह समस्या पिछले कुछ दिनों से चल रही है जो अब ज्यादा गहरा गया है।विस्तारा की तरफ से सोमवार (01 अप्रैल) को बताया गया था कि पायलटों और क्रू की उपलब्धता नहीं होने की वजह से उसने कई उड़ानों को रद्द कर दिया है। कंपनी की तरह से पारदर्शी तरीके से यह सूचना नहीं दी गई है कि उसकी कितनी उड़ानें रद्द हुई हैं और कितनी उड़ानों में विलंब हुआ है।
एविएशन मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पहले दिन भी 50 से ज्यादा उड़ानें रद्द हुई हैं और तकरीबन 150 से ज्यादा उड़ानें विलंबित हुई हैं।टाटा समूह की इस उड्डयन कंपनी में आए इस संकट के पीछे एयर इंडिया और विस्तारा के विलय प्रक्रिया को बताया जा रहा है। विस्तारा में काम कर रहे पायलटों व क्रू मेंबरों का कहना है कि विलय के बाद उनके लिए जो वेतन-भत्ते प्रस्तावित है वह पर्याप्त नहीं है। ऐसे में ये कर्मचारी अचानक ही बड़ी संख्या में छुट्टी पर चले गये जिसकी वजह से सैकड़ों उड़ानों पर असर पड़ा है।
कंपनी के सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि अभी सामान्य उड़ानों की संख्या घटाई जा रही है और रद्द उड़ानों के यात्रियों को एक साथ ले जाने के लिए ज्यादा क्षमता वाले जहाजों को सेवा में लगाया जा रहा है।डीजीसीए ने कंपनी को कहा है कि वह रोजाना अपनी फ्लाइटों का ब्यौरा उसे दे। इसमें रद्द उड़ानों के साथ ही उन उड़ानों की जानकारी भी देनी है जिनमें विलंब हुए हैं। इसके साथ ही इससे प्रभावित यात्रियों को क्या सेवा दी गई है, इसकी जानकारी भी देने को कहा गया है।
जबकि विस्तारा एयरलाइन की मौजूदा समस्या पर चिंता जताते हुए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक संदेश डाला है। इसमें कहा गया है कि, नागरिक उड्डनय मंत्रालय विस्तार की उड़ानों के रद्द होने की स्थिति की समीक्षा कर रहा है। हालांकि उड़ानों का संचालन कंपनियां स्वयं ही करते हैं। एयरलाइनों को इस बारे में डीजीसीए के नियमों का पालन करना होगा कि रद्द होने की स्थिति में ग्राहकों की सुविधाओं का ख्याल रखा जाता है या नहीं।