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Vodafone Idea के शेयरों में भारी गिरावट का खतरा, ब्रोकरेज ने कहा- 10 रुपये तक आएगा भाव

वोडाफोन आइडिया लिमिटेड (VIL) वित्तीय तौर पर भारी मुश्किलों से जूझ रही है। यह टेलीकॉम कंपनी पिछले साल फरवरी में डूबने के कगार पर थी लेकिन सरकार ने दखल देकर बचा लिया। इसके शेयरों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। पिछले एक साल में वोडा के शेयरों ने 100 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है। लेकिन अब इसमें बड़ी गिरावट आने की आशंका जताई जा रही है।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 17 Aug 2024 01:12 PM (IST)
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वोडाफोन आइडिया गले तक कर्ज में डूबी है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारी कर्ज और वित्तीय संकट से जूझ रही वोडाफोन आइडिया के शेयरों में भारी गिरावट आ सकती है। मशहूर ब्रोकरेज मैक्वेरी (Macquarie) ने 10 रुपये के टारगेट प्राइस के साथ वोडाफोन आइडिया के शेयरों की कवरेज शुरू की है। इसका मतलब है कि वोडाफोन के शेयर मौजूदा कीमत से करीब 37 फीसदी का गोता लगा सकते हैं।

वोडाफोन आइडिया में दिक्कत क्या है?

मशहूर वैश्विक ब्रोकरेज मैक्वेरी का कहना है कि वोडाफोन आइडिया गले तक कर्ज में डूबी है। वोडा पहले ही रिलायंस जियो और भारतीय एयरटेल के हाथों अपने ग्राहकों का बड़ा हिस्सा गंवा चुकी है। मैक्वेरी के मुताबिक, यह सिलसिला आगे भी जारी रहने वाला है और वोडा के सब्सक्राइबर बेस यानी बाजार हिस्सेदारी में कमी आएगी। साथ ही, कंपनी में आगे और इक्विटी बिक्री की भी जोखिम है।

वोडाफोन आइडिया के शेयरों का हाल

वोडाफोन आइडिया के शेयरों की रफ्तार काफी समय से सुस्त बनी हुई है। इसका स्टॉक शुक्रवार (16 अगस्त) 0.57 फीसदी की मामूली बढ़त के साथ 15.88 रुपये पर बंद हुआ। पिछले 6 महीने में वोडाफोन ने 0.75 फीसदा का नेगेटिव रिटर्न दिया है। हालांकि, एक साल की अवधि की बात करें, तो निवेशकों को 104 फीसदी का बंपर मुनाफा हुआ है। इसका एक साल का हाई 19.18 रुपये और लो 7.50 रुपये है।

एयरटेल का टारगेट प्राइस बढ़ाया

मैक्वेरी ने सुनील मित्तल की अगुआई वाली भारती एयरटेल की रेटिंग 'न्यूट्रल' से बढ़ाकर 'आउटपरफॉर्म' कर दी। उसने टारगेट प्राइस भी 1,280 रुपये से बढ़ाकर 1,630 रुपये प्रति शेयर कर दिया। एयरटेल का शेयर शुक्रवार (16 अगस्त) को 0.96 फीसदी की बढ़त के साथ 1,485.90 रुपये पर बंद हुआ। मैक्वेरी के टारगेट प्राइस के मुताबिक, इसमें अभी 11 फीसदी की तेजी आ सकती है। ब्रोकरेज का कहना है कि एयरटेल को अर्निंग में मजबूती और डी-लीवरेजिंग का फायदा मिलेगा।

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