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Vote From Home: सिर्फ 20 मिनट में घर से डाल सकते हैं वोट, जानिए क्या है पात्रता और प्रक्रिया?

लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) 2024 के लिए चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार मतदान 19 अप्रैल से शुरू होकर 1 जून को खत्म होगा। देश में अब 97 करोड़ से अधिक वोटर हैं। इनमें बहुत से बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता भी हैं जिनकी सहूलियत के लिए चुनाव आयोग ने घर से वोट (Vote From Home) डालने जैसी खास रियायत दी है। आइए जानते हैं इसकी पूरी प्रक्रिया।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Mon, 25 Mar 2024 06:00 PM (IST)
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देश में अब करीब 97 करोड़ वोटर हैं, जो अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का एलान होते ही देशभर में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस बार भी आम चुनाव 7 चरणों में होंगे, 19 अप्रैल से 1 जून 2024 के बीच। देश में अब करीब 97 करोड़ वोटर हैं, जो अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। इनमें बहुत से बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता भी हैं, जिनकी सहूलियत के लिए चुनाव आयोग ने घर से वोट (Vote From Home) डालने जैसी खास रियायतें दी हैं।

आइए जानते हैं कि घर से वोट डालने की पात्रता क्या है और इसका इस्तेमाल कैसे किया जा सकता है?

कौन घर से डाल सकता है वोट?

चुनाव आयोग ने सुपर सीनियर सिटिजन यानी 85 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं (Senior citizens above 85 years) को घर से ही डाक मतपत्र के जरिए वोट डालने का विकल्प दिया है। यही सुविधा 40 फीसदी से अधिक दिव्यांगता (Persons with Disabilities) वाले लोगों के लिए भी है।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार का कहना है कि यह हमेशा से देखा गया है कि वरिष्ठ नागरिक चुनावी प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना चाहते हैं। लेकिन, उन्हें इलेक्शन बूथ तक जाने में परेशानी होती है। यही वजह है कि हमने उनके लिए घर से वोट करने का विकल्प दिया है।

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कैसे दे सकेंगे घर से वोट?

जो भी वरिष्ठ नागरिक या दिव्यांग घर से मतदान करना चाहते हैं, उन्हें चुनाव अधिसूचना जारी होने के 5 दिनों के भीतर इलेक्शन कमीशन के पास फॉर्म 14डी दाखिल करना होगा।

चुनाव आयोग (Election Commission of India) के अनुसार, देश में 10 मार्च 2024 तक 85 साल से ऊपर के 81.87 लाख वरिष्ठ नागरिक मतदाता थे। 100 साल पार कर चुके वोटरों की संख्या 2.18 लाख थी। दिव्यांग मतदाताओं की तादाद 88.35 लाख थी।

क्या है घर से वोट डालने की प्रक्रिया?

घर से वोट डालने में ज्यादा मशक्कत नहीं करनी होती। जिला निर्वाचन अधिकारी यानी कलेक्टर घरेलू मतदान के लिए तारीख तय करते हैं। यह वोटिंग की तय तारीख से पहले का दिन होता है।

बुजुर्ग और दिव्यांग वोटरों को घर पर ही डाक मतपत्र उपलब्ध कराया जाता है। यहां अपना वे अपने पसंद के उम्मीदवार को वोट दे सकते हैं। इस दौरान चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए चुनाव अधिकारी, एक वीडियोग्राफर और पुलिस भी मौजूद होते हैं।

प्राइवेसी के लिए पार्टिशन भी होता है। पूरी प्रक्रिया में बमुश्किल 20 मिनट का वक्त लगता है। वोटों की गिनती डाक मतपत्रों से होती है।

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