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NIL ITR: बिना फाइन के अब भी दाखिल कर सकते हैं जीरो रिटर्न, मिलेंगे पांच धांसू फायदे

जिन लोगों की कमाई टैक्स के दायरे में नहीं आती वे आईटीआर नहीं फाइल करते। लेकिन शून्य टैक्स देनदारी होने पर भी आपको जीरो रिटर्न फाइल करना चाहिए। इसमें आपको एक भी रुपया टैक्स नहीं देना होता इसलिए इसे जीरो रिटर्न कहते हैं। इसका मतलब कि इनकम टैक्स विभाग को यह बताना होता है कि आपकी कमाई टैक्सेबल इनकम से नीचे है इसलिए आपने टैक्स का भुगतान नहीं किया।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Tue, 27 Aug 2024 10:00 AM (IST)
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इनकम टैक्स रिटर्न आपकी कमाई के सबूत के रूप में काम करता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई बीत चुकी है। अब इनकम टैक्स फाइल करने के लिए जुर्माना देना होगा। लेकिन, जीरो रिटर्न यानी शून्य टैक्स देनदारी वाला रिटर्न अब भी बिना किसी जुर्माने के फाइल किया जा सकता है। इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि आप कोई डिडक्शन क्लेम नहीं कर सकेंगे। आपकी कुल कमाई सीधे बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट के अंदर आनी चाहिए।

न्यू टैक्स रिजीम में बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट सभी के लिए 3 लाख रुपये है। वहीं, ओल्ड टैक्स रिजीम में 60 साल से कम उम्र वालों के लिए बेसिक एग्जेम्पशन लिमिट 2.5 लाख रुपये है। 60-80 साल के लिए 3 लाख रुपये और 80 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए 5 लाख रुपये है। इस दायरे में आने वाले लोग बिना जुर्माने के रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

आइए जानते हैं कि जीरो रिटर्न क्यों फाइल कर सकता है, इसे फाइल क्यों दाखिल किया जाता है, इसके क्या फायदे हैं।

आसानी से मिलता है लोन

इनकम टैक्स रिटर्न आपकी कमाई के सबूत के रूप में काम करता है। जब आप ITR फाइल करते हैं, तो वह इस बात पुख्ता सबूत हो जाती है कि आपकी किसी सोर्स से कमाई हो रही है। इससे आपकी क्रेडिट प्रोफाइल भी बन जाती है। इससे आपको बैंक या फिर NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज) से कर्ज आपने में आसानी हो जाती है।

TDS का मिल जाएगा रिफंड

अगर आप नौकरीपेशा हैं और फॉर्म 15G/H जमा नहीं कर पाए, तो आपके वेतन से TDS (टैक्स डिडक्शन एट सोर्स) कटौती हो जाएगी। ऐसे में जीरो रिटर्न आपको नुकसान से बचा सकता है। इसकी मदद से आप उस TDS रकम की वापसी का क्लेम कर सकते हैं, जिसे आपकी कंपनी ने सैलरी से काटा है।

घाटा दिखाने का फायदा

अगर आप बिजनेस या शेयर मार्केट में निवेश करते हैं, तो आपको वित्त वर्ष के दौरान नुकसान भी हो सकता है। ऐसे में आप जीरो रिटर्न को फाइल करके अपने नुकसान को दिखा सकते हैं। जब आने वाले समय में आपको मुनाफा होगा, तो आप उस घाटे को टैक्सेबल इनकम में एडजस्ट करा सकते हैं। इससे आपकी टैक्स देनदारी कम हो जाएगी।

आसानी से मिलेगा वीजा

जीरो आईटीआर से आपको कई देशों का वीजा आसानी से मिल सकता है। कई बार वीजा अधिकारी विदेश यात्रा के लिए कुछ साल आईटीआर मांग लेते हैं। वे असल में आपके इनकम-लेवल को वेरिफाई करना चाहते हैं। ऐसे में बैंक स्टेटमेंट और दूसरे फाइनेंशियल डॉक्युमेंट के साथ आईटीआर की भी जरूरत पड़ सकती है।

स्‍कॉलरशिप के लिए भी मददगार

कई स्कॉलरशिप या फेलोशिप आय के हिसाब से दी जाती है। अगर आपने जीरो आईटीआर फाइल कर रखा है, तो आप अपनी इनकम लिमिट को आसानी से दिखा सकते हैं। इससे आपको उन सरकारी फेलोशिप को पाने में आसानी होगी, जो खासकर कम आय वाले परिवारवाले के लिए होती है।

जीरो रिटर्न कौन फाइल कर सकता है?

अगर आप पहली दफा इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की शुरुआत कर रहे हैं और आपकी कुल आमदनी टैक्सेबल इनकम के दायरे में नहीं आती, तो आप NIL रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। इसे वे लोग भी फाइल कर सकते हैं, जो पिछले कई साल से रिटर्न दाखिल कर रहे थे, लेकिन इस बार उनकी आय इनकम टैक्स दायरे से नीचे आ गई। हालांकि, डेडलाइन के बाद जीरो रिटर्न फाइल करने से घाटे को कैरी फॉरवर्ड करने जैसे फायदे नहीं मिलते।

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