Gold Loan Benefits: नकदी की जरूरत के लिए गोल्ड लोन कितना सही, यहां समझें अपने फायदे की बात
RBI के अनुसार ऋणदाता सोने के आभूषणों के मूल्य का अधिकतम 75% तक लोन प्रदान करते हैं। सोने की उच्च कीमत के कारण आपको अपने गिरवी रखे सोने पर अधिक मूल्य मिलता है। सोने की भौतिक उपस्थिति के कारण भारी-भरकम कागजी कार्रवाई और क्रेडिट मूल्यांकन की जरूरत नहीं होती जिससे लोन की मंजूरी प्रक्रिया में काफी तेजी आ जाती है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। पैसों की जरूरत के समय कर्ज लेना मुश्किल हो सकता है। नकदी की तुरंत जरूरत को देखते हुए दूसरे ऋण विकल्पों की खोज का रास्ता ही नजर आता है। नकदी की यह जरूरत गोल्ड लोन के साथ पूरी हो सकती है।
सोना लोन के लिए एक सुरक्षित विकल्प
सोना अपनी स्थायी कीमत और हर जगह स्वीकार्यता के कारण एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। यह बाजार के उतार-चढ़ाव में भी स्थिरता बनाए रखता है, जिससे यह लोन के लिए सुरक्षित विकल्प बन जाता है।
सोने की स्थिरता ही गोल्ड लोन का आधार होती है और यह उधार देने वाले और लेने वाले दोनों को सुरक्षा का भरोसा देती है। सोना समय के साथ अपनी कीमत बनाए रखता है, जो आर्थिक अनिश्चितता में एक भरोसेमंद सुरक्षा प्रदान करता है।
क्या कहता है आरबीआई का नियम
RBI के अनुसार, ऋणदाता सोने के आभूषणों के मूल्य का अधिकतम 75% तक लोन प्रदान करते हैं। सोने की उच्च कीमत के कारण आपको अपने गिरवी रखे सोने पर अधिक मूल्य मिलता है।
सोने की भौतिक उपस्थिति के कारण भारी-भरकम कागजी कार्रवाई और क्रेडिट मूल्यांकन की जरूरत नहीं होती, जिससे लोन की मंजूरी प्रक्रिया में काफी तेजी आ जाती है।
गोल्ड लोन आपकी सभी फंडिंग जरूरतों को पूरा कर सकता है। इस आर्टकिल में गोल्ड लोन लेने के कुछ फायदों के बारे में ही बता रहे हैं-
गोल्ड लोन के फायदे
सभी के लिए आसानी से उपलब्ध
गोल्ड लोन पारंपरिक क्रेडिट विकल्पों की तुलना में ज्यादा लोगों के लिए उपलब्ध होता है। इसमें वेतनभोगी कर्मचारी, स्व-रोजगार वाले प्रोफेशनल, या ऐसे लोग जिनकी क्रेडिट हिस्ट्री बहुत अच्छी नहीं है, उन्हें भी गोल्ड लोन मिल सकता है।
बस शर्त यह है कि उनके पास गिरवी रखने के लिए सोना होना चाहिए। यह लचीलापन गोल्ड लोन को उन लोगों के लिए आकर्षक बनाता है जो पारंपरिक उधारदाताओं द्वारा निर्धारित कड़े मानदंडों को पूरा नहीं कर सकते।
पुनर्भुगतान में लचीलापन
गोल्ड लोन की एक खास विशेषता इसका पुनर्भुगतान में लचीलापन है। इसमें उधार लेने वालों को अपनी वित्तीय स्थिति के अनुसार पुनर्भुगतान अवधि चुनने की स्वतंत्रता होती है। आप अल्पकालिक या दीर्घकालिक लोन भुगतान योजनाएं चुन सकते हैं।
इसके अलावा, कई गोल्ड लोन देने वाली कंपनियां बिना भारी जुर्माना लगाए आंशिक भुगतान या समय से पहले लोन चुकाने की सुविधा देती हैं। इससे उधार लेने वालों को ज्यादा वित्तीय लचीलापन मिलता है।
ये भी पढ़ेंः Gold Purity Test: शुद्ध सोने की आसानी से कर सकते हैं पहचान, ये तरीके आएंगे आपके काम
कम लागत और निम्न ब्याज दर
गोल्ड लोन में कोलेटरल के रूप में रखे गए सोने की वजह से आमतौर पर दूसरे अनसिक्योर्ड/असुरक्षित ऋणों की तुलना में कम ब्याज दर होती है।
सोना लोन देने वाली कंपनी के जोखिम को कम करता है, जिससे उन्हें उधार लेने वालों को ज्यादा आसान शर्तों पर लोन देने की सुविधा मिलती है।
इसके अलावा, गोल्ड लोन पर तय ब्याज दरें होती हैं, जिससे पुनर्भुगतान की निश्चितता होती है और आप आसानी से अपने वित्तीय दायित्वों का अनुमान लगा सकते हैं।
गोल्ड लोन से जुड़ी चिंता
गोल्ड लोन लेने पर लोगों की पहली चिंता यह होती है कि कहीं वे अपनी कीमती संपत्ति का स्वामित्व और नियंत्रण तो नहीं खो देंगे। यह समझना जरूरी है कि गोल्ड लोन के लिए आपको अपने सोने का मालिकाना हक छोड़ने की जरूरत नहीं होती है।
जब आप लोन के लिए अपना सोना गिरवी रखते हैं, तो यह लोन देने वाली कंपनी के पास सुरक्षित रूप से संग्रहीत रहता है, जब तक आप लोन का पूरा भुगतान नहीं कर देते।
इस तरह, आप निश्चिंत रह सकते हैं कि लोन की पूरी अवधि के दौरान आपकी कीमती संपत्ति का स्वामित्व और नियंत्रण आपके पास ही रहेगा।