Income Tax 2024: नए ITR form में हुए ये बदलाव, ओल्ड हो या फिर न्यू टैक्स रिजीम इन चीजों का रखें ध्यान
आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए नए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी किए हैं। नए ITR-1 फॉर्म में करदाताओं को यह बताना होगा कि उन्होने ओल्ड या फिर न्यू टैक्स रिजीम को चुना है। नई रियायती कर व्यवस्था लागू होने के बाद ये एक डिफॉल्ट विकल्प बन गया है। आइए नए नियमों के बारे में जान लेते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आयकर विभाग ने वित्तीय वर्ष 2024-25 और मूल्यांकन वर्ष 2025-26 के लिए नए आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म जारी किए हैं। इस साल इन फॉर्मों में कुछ बदलाव किए गए हैं। आयकर दाखिल करने की समय सीमा 31 जुलाई है। अपने इस लेख में हम नए ITR Form में किए गए बदलावों के बारे में जानने वाले हैं।
ITR-1 फॉर्म में क्या बदला?
नए ITR-1 फॉर्म में करदाताओं को यह बताना होगा कि उन्होने ओल्ड या फिर न्यू टैक्स रिजीम को चुना है। नई रियायती कर व्यवस्था लागू होने के बाद ये एक डिफॉल्ट विकल्प बन गया है। हालांकि, करदाताओं के पास ITR-4 दाखिल करते समय फॉर्म 10-IEA दाखिल करके पुरानी व्यवस्था से बाहर निकलने और बने रहने का प्रावधान अभी भी है।
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ITR-1 सरल आय संरचना वाले व्यक्तियों के लिए एक सरलीकृत फॉर्म है। ये व्यवसाय या पेशे से आय, पूंजीगत लाभ या डुअल टैक्सेशन राहत का दावा करने वाले व्यक्तियों को पूरा नहीं करता है। इसके अतिरिक्त, अन्य पात्रता मानदंड भी हैं, जैसे-निवासी व्यक्ति होना, कुल आय 50 लाख रुपये तक होना, कृषि आय 5,000 रुपये तक होना और केवल एक घर की संपत्ति का मालिक होना।
ITR-4 किसके लिए?
ITR-4 (SUGAM) विशेष रूप से व्यक्तियों, HUF और फर्मों (सीमित देयता भागीदारी के अलावा) के लिए डिजाइन किया गया है, जिन्होंने आयकर अधिनियम की धारा 44AD या 44AE के तहत अनुमानित टैक्सेशन स्कीम का विकल्प चुना है।धारा 44एडी के तहत अनुमानित टैक्सेशन का विकल्प चुनने वाले व्यवसायों के लिए मानदंड में आसानी है। नकद कारोबार या नकद सकल प्राप्तियों का खुलासा करने के लिए एक नया 'नकदी में रसीदें' कॉलम जोड़ा गया है। इस योजना के लिए नकद कारोबार की सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तय कर दी गई है। हालांकि, इसमें शर्त है कि नकद प्राप्तियां पिछले वर्ष के कुल कारोबार या सकल प्राप्तियों के 5% से अधिक न हों।