Add-on Credit Cards के मिलते हैं कई फायदे, लेकिन रिस्क को लेकर इन बातों का रखें खास ध्यान
एड-ऑन क्रेडिट कार्ड एडिशनल क्रेडिट कार्ड होते हैं। एड-ऑन क्रेडिट कार्ड सेकेंडरी या सप्लीमेंट्री क्रेडिट कार्ड होते हैं। प्राइमरी कार्ड होल्डर इन कार्डस को अपने परिवार के सदस्यों के लिए अप्लाई कर सकते हैं। प्राइमरी कार्ड होल्डर एड-ऑन क्रेडिट कार्ड को अपने बच्चों लाइफ पार्टनर और माता-पिता के लिए ले सकते हैं। इस कार्ड के फायदे प्राइमरी कार्ड जैसे ही होते हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली । एड-ऑन क्रेडिट कार्ड (Add-on Credit Cards) के कई फायदे मिलते हैं। हालांकि, कार्ड का लापरवाही से इस्तेमाल किया जाए तो यह नुकसान का सौदा हो सकता है।
Add-on Credit Cards क्या होता है
एड-ऑन क्रेडिट कार्ड एडिशनल क्रेडिट कार्ड होते हैं। एड-ऑन क्रेडिट कार्ड सेकेंडरी या सप्लीमेंट्री क्रेडिट कार्ड होते हैं। प्राइमरी कार्ड होल्डर इन कार्डस को अपने परिवार के सदस्यों के लिए अप्लाई कर सकते हैं।
प्राइमरी कार्ड होल्डर एड-ऑन क्रेडिट कार्ड को अपने बच्चों, लाइफ पार्टनर और माता-पिता के लिए ले सकते हैं। इस कार्ड के फायदे प्राइमरी कार्ड जैसे ही होते हैं।हालांकि, इस तरह के कार्ड के लिए अप्लाई कर रहे हैं तो कार्ड से जुड़े रिस्क को भी ध्यान में रखना जरूरी हो जाता है।
Add-on Credit Cards को लेकर इन बातों का रखें ध्यान
प्राइमरी कार्ड होल्डर का क्रेडिट स्कोर
एड-ऑन क्रेडिट कार्ड के साथ खर्चों से जुड़ी सारी जिम्मेदारी प्राइमरी कार्ड होल्डर की होती है। ऐसे में अगर सेकेंडरी यूजर द्वारा टाइम से पेमेंट नहीं की जाती है या पेमेंट को लेकर कोई गलती होती है तो इसका असर प्राइमरी कार्ड होल्डर पर पड़ता है।
सेकेंडरी कार्ड होल्डर की गलतियों की वजह से प्राइमरी कार्ड होल्डर का क्रेडिट स्कोर तक खराब हो सकता है।