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Central Government Health Scheme क्या है, कैसे उठा सकते हैं इसका लाभ? जानिए पूरा प्रोसेस और डिटेल

केंद्र सरकार स्वास्थ्य पर खर्च का बोझ कम करने के लिए कई योजनाएं चलाती हैं। इन्हीं में से एक योजना है- सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS)। यह स्कीम राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जज जैसे प्रतिष्ठित लोकतांत्रिक पदों पर सेवा देने वालों के साथ केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है। मतलब कि आम जनता इसका लाभ नहीं उठा सकती। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Sat, 16 Mar 2024 12:53 PM (IST)
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यह सुविधा देश के 80 शहरों में उपलब्ध है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। स्वास्थ्य जीवन को सुखी जीवन का आधार कहा जाता है। इसकी वजह है बीमारियों से होने वाली परेशानियां और उन पर होने वाला खर्च। इसीलिए सरकार स्वास्थ्य पर खर्च का बोझ कम करने के लिए कई योजनाएं चलाती हैं। इन्हीं में से एक योजना है- सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS)।

आइए जानते हैं कि यह स्वास्थ्य योजना किसके लिए है, इसकी पात्रता क्या है और इसका लाभ कैसे उठाया जा सकता है।

किनके लिए है सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम?

यह योजना विशुद्ध रूप से केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए है। मतलब कि आम जनता इसका लाभ नहीं उठा सकती। सिर्फ केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और उनके आश्रितों को ही इस योजना का लाभ मिलता है। इस स्कीम के लाभार्थियों को कैशलेस इलाज और रिइंबर्समेंट की सुविधा मिलती है।

उन्हें अस्पताल का भारी भरकम बिल या महंगी दवाइयों को खरीदने के लिए अपने जेब से पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती। यह सुविधा देश के 80 शहरों में उपलब्ध है।

कैसे लिया जा सकता है स्कीम का लाभ?

केंद्र की इस हेल्थ स्कीम का लाभ उठाने के लिए CGHS कार्ड जरूर होना चाहिए। अगर आपके पास यह कार्ड नहीं है, तो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन, दोनों तरीकों से इसे बनवा सकते हैं। ऑनलाइन कार्ड बनवाने के लिए आपको CGHS की आधिकारिक वेबसाइट पर आवेदन करना होता है। वहां फॉर्म भरने के बाद जरूरी दस्तावेज करके आप अपना CGHS कार्ड डाउनलोड कर सकते हैं या फिर उसे घर पर मंगवा सकते हैं।

स्कीम के लिए पात्र कौन-से लोग हैं?

सभी मौजूदा या पूर्व राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, उपराज्यपाल और सांसद इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के मौजूदा या पूर्व जज भी इसके पात्र हैं। केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के साथ उनके आश्रितों का कैशलेस इलाज हो सकता है। हालांकि, इसमें रेलवे और दिल्ली प्रशासन के कर्मचारी और पेंशनभोगी शामिल नहीं हैं।

CGHS के तहत ओपीडी में इलाज और दवाओं का खर्च उठाया जाता है। सरकारी के साथ इमरजेंसी में निजी और मान्यता प्राप्त अस्पतालों में इलाज कराने की सुविधा मिलती है। आपने कोई कृत्रिम अंग लगवाने के लिए पैसे खर्च किए हैं, तो उसके लिए भी रिइंबर्समेंट क्लेम कर सकते हैं।

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