Dabba Trading: मुनाफा कमाने का शार्टकट पहुंचा न दे जेल, NSE भी जारी कर चुका है चेतावनी
What is Dabba Trading डब्बा ट्रेडिंग को भारत में बॉक्स ट्रेडिंग भी कहा जाता है। इसमें सारा खेल ऑपरेटर का होता है। इसे काफी जोखिम भरा माना जाता है और इसमें सारे लेनदेन कैश में ही किए जाते हैं। (जागरण फाइल फोटो)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार को पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच निवेश के एक भरोसेमंद विकल्प के रूप में जगह मिली है। मौजूदा समय में आप आसानी से ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोलकर बाजार में लेनदेन कर सकते हैं, लेकिन हमेशा से ऐसा नहीं था। पहले के समय में गैर कानूनी ट्रेडिंग भी काफी लोकप्रिय थी, जिसे डब्बा ट्रेडिंग कहा जाता है। अब भी इसका चलन है। इसे लेकर NSE भी निवेशकों को सावधान कर चुका है।
क्या होती डब्बा ट्रेडिंग?
डब्बा ट्रेडिंग शेयर बाजार के समान्तर एक गैर कानूनी स्टॉक मार्केट होता है। इसमें कैश में लेनदेन किया है और कोई भी नियम लागू नहीं है। केवल एक ऑपरेटर के जरिए ही आप लेनदेन करते हैं। इसमें लेनदेन करना काफी जोखिम भरा होता है।
यह पूरी तरह से गैरकानूनी होता है। इसमें होने वाले मुनाफे पर कोई टैक्स नहीं लगता है। साथ ही कोई कमोडिटी ट्रांसजैक्शन टैक्स (CTT) और सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) भी ग्राहकों को नहीं देना होता है।
कैसे होती है डब्बा ट्रेडिंग?
डब्बा ट्रेडिंग को भारत में बॉक्स ट्रेडिंग भी कहा जाता है। इसमें एक ऑपरेटर होता है, जो निवेशकों से ऑर्डर लेता है। इसमें लेनदेन हर हफ्ते कैश में पूरे किए जाते हैं।
डब्बा ट्रेडिंग को काफी जोखिम भरा माना जाता है। इसमें हमेशा ही ऑपरेटर पर कानूनी कार्रवाई का डर रहता है। ऐसे में अगर आपका ऑपरेटर पकड़ा जाता है तो आपका पूरा निवेश भी डूब सकता है।
लीगल ट्रेडिंग और डब्बा ट्रेडिंग में अंतर
उदाहरण के लिए लीगल ट्रेडिंग में निवेशक को ब्रोकर चार्ज, सीटीटी और एसटीटी देने के बाद 100 रुपये का ट्रेड 101 में पड़ता है।
डब्बा ट्रेडिंग में एक्सचेंज पर ऑर्डर प्लेस नहीं किए जाते हैं। इसमें केवल स्क्रिप्ट में कारोबार होता है। जिस हिसाब से पैसे लगाए जाते हैं, उसी हिसाब से पैसे वापस मिल जाते हैं। अगर निवेशक ने शेयर को शॉर्ट किया हुआ है तो शेयर के गिरने पर उसे लाभ होता है। वहीं, बढ़ने पर उसे घाटा होता है और निवेशक को पैसे ब्रोकर को चुकाने पड़ते हैं।
डब्बा ट्रेडिंग में हो सकती है जेल
अगर आप डब्बा ट्रेडिंग करते समय पकड़े जाते हैं तो आपको कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है और जुर्माना भरने के साथ आईपीसी की अलग-अलग धाराओं में जेल भी जाना पड़ सकता है।