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eRupee Digital Currency: क्या है ई-रुपी, कैसे करें इसका इस्तेमाल, UPI से कितना है अलग, जानिए सभी बातें

Difference Between eRupee UPi Wallet and Bitcoin आज इस खबर में आपको ई-रुपी से जुड़ी सभी चीजों के बारे में पता चल जाएगा। मसलन ई-रुपी क्या है? इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं? इसके क्या फायदे और नुकसान हैं? और ई-रुपी यूपीआई और वॉलेट से कैसे अलग है? इसके अलावा हम आपको यह भी बातएंगे की सर्कुलेशन से बाहर हो चुके 2000 रुपये ई-रुपी में चलते हैं या नहीं

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 19 Jul 2023 08:30 AM (IST)
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eRupee vs UPI Wallet vs Bitcoin: What is E-Rupee, how to use it?

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारत की आधिकारिक डिजिटल करेंसी ‘ई रुपी’ जिसे आप इंडिया का बिटकॉइन भी कह सकते हैं, इसके बारे में आपने अभी तक सुन लिया होगा।

आज हम आपको इसी ई रुपी के बारे में विस्तार से बताएंगे कि ये ई-रुपी क्या है? इसे कैसे इस्तेमाल करते हैं? इसके क्या फायदे और नुकसान हैं? और ई-रुपी यूपीआई और वॉलेट से कैसे अलग है? बिटकॉवइन और ई-रुपी में क्या अंतर है?

इसके अलावा हम आपको बातएंगे कि क्या ई-रुपी में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा प्रचलन से बाहर हो चुके 2000 रुपये के नोट स्वीकार किए जाते हैं? ई-रुपी में आपको छुट्टे पैसे, कैसे मिलते हैं? इसके अलावा हम यह भी बताएंगे की क्या अब ई-रुपी के जरिए अब आरबीआई आपके हर ट्राजैक्शन को ट्रैक कर पाएगा? चलिए ई-रुपी को डिकोड करते हैं और इसके बारे में पूरी जानकारी लेते हैं।

क्या है ई-रुपी?

इसे समझने के लिए पहले आप यह समझए कि ई-रुपी, डिजिटल रुपी, और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) तीनों एक ही है, आपको इसमें कन्फ्यूज नहीं होना है। तो आखिरी क्या होता है ई-रुपी चलिए जानते लें।

आपके पर्स में रखा जो 500, या 200 का नोट है जिसे आरबीआई छापती है उसी तरह ई-रुपी भी सॉवरेंन बैंक करेंसी है। इसका मतलब इस रुपी को भी आरबीआई इश्यू करता है। ई-रुपी आरबीआई के बैंलेंस शीट में लायबिलिटी के रूप में दिखाई देती है।

जिस तरह से आप किसी भी दुकान में 100, 200 या 500 रुपये के नोट से खरीदारी करते हैं, उसी तरह आप इस ई-रुपी से भी किसी को सामान के बदले पेमेंट कर सकते हैं। इस देश के सारे नागरिक और सरकार अपनी वैल्यू को स्टोर कर के रख सकते हैं। वैल्यू स्टोर करने से यहां मतलब है कि आप अपनी सैलरी चाहें तो ई-रुपी में ले सकते हैं। जिस तरह आपके पास रखा नोट एक लीगल टेंडर यानी वैध मुद्रा है उसी तरह ई-रुपी भी है।

ई-रुपी से कर सकते हैं एफडी

अगर आप बैंक, या फिर कोई दुकानदार के पास ई-रुपी के बदले कैश या फिर बैंक से ई-रुपी के बदले फिक्स्ड डिपॉजिट करने की मांग रखते हैं तो आप ऐसा बिल्कुल कर सकते हैं। आप कैश की ही तरह ई-रुपी को एक्सचेंज भी कर सकते हैं।

यहां आपको बता दें कि अगर आपको ऐसा लग रहा है कि आप ई-रुपी सिर्फ उसी को दें पाएंगे जिसके पास बैंक अकाउंट है तो ऐसा नहीं है। जैसे आप किसी को भी कैश दे सकते हैं वैसे आप किसी को भी ई-रुपी दे सकते हैं उसके लिए बैंक अकाउंट होना जरूरी नहीं है।

क्या है ई-रुपी लाने का मकसद?

आपके मन में भी यह सवाल आ रहा होगा कि आखिर ई-रुपी लाने का मकसद क्या है तो आपको बता दें कि सरकार नोट के प्रिंटिंग में आने वाली लागत और उसमें होने वाले वेरिफिकेशन खर्च को कम करना चाहती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 21 में मनी प्रिंटिंग और सेक्यौरिटी कॉस्ट 4,012 करोड़ रुपये था जो वित्त वर्ष 22 में बढ़कर 4,984 करोड़ रुपये हो गया था।

ई-रुपी और बिटकॉइन में क्या है अंतर?

बिटकॉइन एक डीसेंट्रलाइज करेंसी होती है जो पब्लिक ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करती है। जबकि ई-रुपी एक सेंट्रलाइज करेंसी होती है जो प्राइवेट ब्लॉकचेन का इस्तेमाल करती है।

बिटकॉइन को कोई संस्था या सरकार कंट्रोल नहीं करती, जबकि ई-रुपी को आरबीआई कंट्रोल करता है।

भारत में क्रिप्टोकरेंसी जैसे बिटकॉइन, इथोरियम लीगल टेंडर नहीं है लेकिन ई-रुपी देश में लीगल टेंडर है।

कैसा दिखता है ई-रुपी?

आपको बता दें कि ई-रुपी को कोई फिजिकल करेंसी नहीं है, लेकिन आरबीआई ने जनता को बताने के लिए ई-रुपी के चित्र जारी किए हैं।

आपको ई-रुपी में 50 पैसे, 1 रुपये का सिक्का भी मिल जाएगा। इसके अलावा 2, 5, 10, 20, 50, 100, 200, 500, और 2000 रुपये के नोट भी मौजूद हैं। जिस तरह से आपको रेगुलर नोट पर आरबीआई का लोगो (Logo) और गवर्नर का साइन मिलता है, ठीक उसी तरह ई-रुपी में भी आपको लोगो और गवर्नर का साइन मिलता है।

हालांकि 2000 रुपये के नोट के सर्कुलेशन से बंद होने के बाद से आप ई-रुपी में भी 2000 रुपये के नोट का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगें।

ई-रुपी को बोलते हैं टोकन

जी हां जैसे 500 रुपये के नोट को ‘नोट’ कहा जाता है वैसे ही ई-रुपी में 500 रुपये को नोट नहीं बल्कि ‘टोकन’ कहा जाता है।

उदाहरण:- 20 रुपये का टोकन, 100 रुपये का टोकन, 500 रुपये का टोकन, इत्यादि।

कैसे करें ई-रुपी का इस्तेमाल?

अब जानते हैं सबसे जरूरी बात की आखिर इस ई-रुपी का इस्तेमाल करना कैसे है। आपको बता दें कि ई-रुपी का इस्तेमाल करने के लिए आपके पास डिजिटल रुपी ऐप होना जरूरी है। आप अगर अपने प्ले स्टोर (Play Store) या ऐप स्टोर (App Store) पर ‘डिजिटल रुपी’ लिखकर सर्च करेंगें तो काफी सारे बैंक के डिजिटल रुपी ऐप मिल जाएगी।

अगर आपने अपने बैंक का ई-रुपी डिजिटल ऐप को इस्टॉल कर लिया है और रजिस्टर करने पर एरर (Error) आ रहा है तो घबराए नहीं। इसका मतलब यह है कि ई-रुपी अभी आपके लिए उपलब्ध नहीं हुई है। क्योंकि ई-रुपी सभी जनता के लिए फिलहाल उपलब्ध नहीं है।

अगर आपके बैंक के तरफ से ई-रुपी इस्तेमाल करने का निमंत्रण आ चुका है तो आप आसानी से ऐप में रजिस्टर कर ई-रुपी का इस्तेमाल कर पाएंगें। और अगर आपके पास निमंत्रण नहीं आया है तो आपको थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।

ई-रुपी, यूपीआई और वॉलेट से कैसे है अलग?

सरल भाषा में कहे तो ई-रुपी कैश करेंसी का ही डिजिटल करेंसी है। जिस तरह से आप कैश किसी भी दुकानदार को देते है तो उसका किसी भी तरह का कोई रिकॉर्ड नहीं होता कि किस व्यक्ति ने किस दुकानदार को कितना रुपया कैश दिया ठीक उसी तरह ई-रुपी भी अगर आप किसी को देते हैं तो आरबीआई के मुताबिक आरबीआई लोअर ई-रुपी अमाउंट को ट्रैक नहीं करेगा।

जबकि अगर आप यूपीआई या वॉलेट से कोई ट्रांजैक्शन करते हैं तो आपके ट्रांजैक्शन का सारा डेटा उस कंपनी (गूगल पे, फोन पे, पेटीएम, इत्यादि) के पास होता है जिसका इस्तेमाल आप पैसे भेजने के लिए कर रहे हैं।

दूसरा अंतर यह है कि आपको ई-रुपी भेजने के लिए बैंक अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन वॉलेट और यूपीआई में आपको बैंक अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

ई-रुपी के क्या हैं फायदे?

  • इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि ई-रुपी ट्रांजैक्शन के लिए बैंक अकाउंट बनाने की जरूरत नहीं है।
  • आरबीआई के कैश मैनेजमेंट और प्रिंटिंग में होने वाली खर्च में आएगी कमी।
  • ई-रुपी को पहचानने योग्य और पता लगाने योग्य कहा जाता है जो वित्तीय सेवा पारिस्थितिकी तंत्र में समग्र दक्षता और पारदर्शिता को बढ़ावा देगा।
  • इसकी सबसे मजबूत विशेषता गुमनामी है, क्योंकि लेनदेन के लिए बैंक खाते की आवश्यकता नहीं होती है।