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Mutual Fund में बना रहे हैं निवेश की योजना, जानें फ्लेक्सी कैप फंड के बारे में; सही फैसला लेने में मिलेगी मदद

Flexi Cap Mutual Fund फ्लेक्सी कैप फंड एक प्रकार की इक्विटी म्युचूअल फंड स्कीम है। इसमें लार्ज कैप मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में निवेश किया जाता है। फ्लेक्सी कैप में अन्य म्युचूअल फंड स्कीम की तुलना में अधिक लचीलापन होता है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Thu, 29 Sep 2022 12:59 PM (IST)
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What is Flexi Cap Mutual fund benefits and features
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। म्युचूअल फंड योजनाओं ने पिछले कुछ समय में निवेशकों का ध्यान अधिक रिटर्न की वजह से आकर्षित किया है। म्युचूअल फंड उन निवेशकों के बीच में एक लोकप्रिय विकल्प के रूप में उभरा है, जिन्हें शेयर बाजार के बारे में सीमित जानकारी है और वे बाजार में निवेश करना चाहते हैं।

म्युचूअल फंड में भी कई प्रकार होते हैं, जिसमें निवेशक अपने जोखिम के अनुसार निवेश कर सकता है। इसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप फंड्स आदि को शामिल किया जाता है। आज हम आपको एक ऐसी म्युचूअल फंड के प्रकार के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें आपको लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप तीनों ही प्रकार के शेयरों का लाभ मिलता है। ये है फ्लेक्सी कैप फंड। आइए जानते हैं विस्तार से...

क्या होते हैं फ्लेक्सी कैप फंड

जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि फ्लेक्सी कैप फंड (Flexi Cap Mutual Fund) एक इक्विटी म्युचूअल फंड स्कीम है। इसमें फंड मैनेजर के पास अन्य म्युचूअल फंड स्कीम की तुलना में ज्यादा लचीलापन होता है। इसका मतलब यह है कि वह अपने मन मुताबिक शेयरों का चयन कर सकता है। इस फंड का पैसा लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप का निवेश किया जाता है।

निवेश करने का फायदा

फ्लेक्सी कैप फंड में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपको अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का मौका मिल जाता है और एक ही स्कीम में निवेश करके आप बाजार के छोटे और बड़े शेयरों में निवेश कर सकते हैं।

मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप फंड्स में अंतर

बाजार नियामक सेबी की ओर से अक्टूबर 2017 में जारी किए गए प्रोडक्ट कैटिगराइजेशन सर्कुलर के मुताबिक, उन म्युचूअल फंड योजनाओं को मल्टी कैप फंड्स कहा जाता है, जिनका 65 प्रतिशत निवेश लार्ज कैप और बाकी का मिड कैप और स्मॉल कैप शेयर में किया जाता है। हालांकि सितंबर 2020 में जारी किए एक अन्य सर्कुलर के मुताबिक, अब फ्लेक्सी कैप फंड के मैनेजर को मिड कैप और स्मॉल कैप शेयरों में हर एक में कम से कम 25% का एक्सपोजर बनाए रखना जरूरी कर दिया गया है।

मल्टी कैप और फ्लेक्सी कैप लगभग दोनों समान ही होते हैं, लेकिन बड़ा अंतर यह है कि फ्लेक्सी कैप फंड का मैनेजर अपने निवेश में बदलाव कर सकता है। अगर फंड मैनेजर को लगता है कि बाजार में खतरा अधिक है, तो स्मॉल कैप शेयरों में एक्सपोजर शून्य भी कर सकता है और लेकिन अगर मल्टी कैप का फंड मैनेजर ऐसा करता है, तो यह सेबी के नियमों का उल्लंघन होगा।

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