Good and Bad Loan: क्या होते हैं गुड और बैड लोन? क्या हैं इसके फायदे-नुकसान, आसान भाषा में यहां जानें सबकुछ
आज हम आपको यहां बिल्कुल आसान शब्दों में गुड और बैड लोन में अंतर बताने जा रहे हैं। हमने यहां उदाहरण के माध्यम से अच्छे और खराब लोन्स को समझाने की कोशिश की है। साथ ही इसके फायदे और नुकसान के बारे में भी बताया है।
By Sarveshwar PathakEdited By: Updated: Sat, 20 Aug 2022 04:33 PM (IST)
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आपने लोगों को गुड और बैड लोन कहते हुए अक्सर सुना होगा। लेकिन कई बार इसमें कंफ्यूज हो जाते हैं कि गुड और बैड लोन्स क्या होते हैं। अगर आप भी इससे परेशान हैं, तो यह खबर आपके काम की है। जी हां, आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि गुड और बैड लोन में क्या फर्क होता है, तो चलिए आसान भाषा में समझते हैं।
बैड लोन्स क्या हैं?
ऐसे लोन जहां लिये गए लोन का पुनर्भुगतान देनदार और लेनदार के मध्य पूर्व सहमति से किये गए समझौते के अनुरूप नहीं किया जाता तथा जिनका भुगतान कभी नहीं होता, उन्हें बैड लोन्स (Bad loans) कहा जाता है या यूं कहें कि जिस लोन में आपको कर्ज और उस पर लगने वाले ब्याज के अलावा पैसा चुकता करने पड़े या ग्राहक लोन समयानुसार न चुकाता हो, तो ऐसे लोन को बैड लोन कहते हैं।
चलिए इसको उदाहरण के माध्यम से समझते हैं। मान लीजिए कि आपने 5 साल के लिए 10 लाख का कार लोन लिया है और उसकी सालाना ब्याज दर 12 फीसद है। अब आप समय-समय से कुछ महीनों तक अपनी ईएमआई पे करते हैं। अगर मान लीजिए कि अचानक कोई इमरजेंसी आ गई और आप किसी महीने में अपनी ईएमआई नहीं चुका पाए तो इसके बाद आपको उस ईएमआई पर अब लेट पेमेंट देना पड़ेगा। अगर आप कुछ महीनों तक आप अपना कर्ज नहीं चुका पा रहे हैं या किसी कारण आप उस लोन को ही न चुका पाए तो इसको बैड लोन कहा जाता है। मतलब कि जिससे लोनदाता को नुकसान पहुंचे और आपको भी नुकसान उठाना पड़े उसे बैड लोन कहते हैं।
बैड लोन के नुकसान
जब कोई व्यक्ति लोन लेता है तथा उसका पुनः भुगतान नहीं करता है, तो उसे भविष्य में आसानी से लोन प्राप्त नहीं हो पाता तथा बैंक उसे दिये गए लोन को 'बैड लोन' की श्रेणी में शामिल कर देता है, जिसका तात्पर्य यह है कि वह लोन देनदार के लिए एक जोखिम है, लेकिन यदि व्यक्ति के लोन को बैड लोन की श्रेणी में रखा गया है और वह पुनः नया लोन लेना चाहता है, तो वह इसे उन देनदारों से प्राप्त कर सकता है, जो लोन देने के लिये उसके द्वारा लिये गए प्री-लोन की जांच ही नहीं करते। बैड असेट्स (bad asset) को उसकी समयावधि के आधार पर खराब संपत्ति (substandard asset) संदिग्ध संपत्ति (doubtful asset) और नुकसानदायक संपत्ति (loss assets) में वर्गीकृत किया जाता है।