Move to Jagran APP

पर्सनल खर्चों को पूरा करने में काम आते हैं Instant Personal Loans, लेकिन; इन बातों को भूलकर भी न करें नजरअंदाज

सवाल यह आता है कि पर्सनल लोन क्या होता है। इंस्टेंट पर्सनल लोन को एक तरह के असुरक्षित लोन की तरह समझ सकते हैं। इसकी जरूरत व्यक्ति को अपने पर्सनल खर्चों की पूरा करने के लिए पड़ती है। अस्तपताल का बिल चुकाने से लेकर वैकेशन और नए फोंसी गैजेट के खर्चे के लिए इस तरह का लोन लिया जाता है।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Updated: Sun, 18 Feb 2024 03:00 PM (IST)
Hero Image
Instant Personal Loans को लेकर भूलकर भी न करें ये काम

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। जरूरतों को पूरा करने के लिए कई बार पैसे की कमी पड़ जाती है। कमजोर आर्थिक स्थिति के बीच ही व्यक्ति लोन लेने के विकल्प पर जाता है। लोन आपकी पर्सनल जरूरतों के लिए भी लिया जा सकता है। इस तरह की जररूत के लिए पर्सनल लोन की सुविधा मौजूद होती है।

क्या होता है पर्सनल लोन

सवाल यह आता है कि पर्सनल लोन होता क्या है। पर्सनल लोन को एक तरह के असुरक्षित लोन की तरह समझ सकते हैं। इसकी जरूरत व्यक्ति को अपने पर्सनल खर्चों की पूरा करने के लिए पड़ती है। अस्तपताल का बिल चुकाने से लेकर वैकेशन और नए फोंसी गैजेट के खर्चे के लिए इस तरह का लोन लिया जाता है।

कैसे मिलता है पर्सनल लोन

एसबीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई जैसे बैंक इंस्टेंट पर्सनल लोन की सुविधा देते हैं। इसके अलावा, कई गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFC) जैसे बजाज फिनसर्व, आईआईएफएल फाइनेंस और क्रेडी भी लोन की सुविधा देती हैं।

ये भी पढ़ेंः Tax Benefits On Home Loan: होम लोन ले रहे हैं तो टैक्स बेनेफिट का लें फायदा, इनकम टैक्स एक्ट के इन सेक्शन के साथ मिलेगी छूट

पर्सनल लोन के लिए ये बातें जरूरी

  • लोन लेने ही नहीं चुकाने की क्षमता का आकलन किया जाना जरूरी है। मासिक किस्तों और कुल ब्याज का अनुमान लगाने के लिए लोन ईएमआई कैलकुलेटर इस्तेमाल करें। लोन पेमेंट को अपने बजट के अंदर लाने पर ध्यान दें।
  • लोन एग्रीमेंट को ध्यान से पढ़ें। किसी भी तरह के छुपे हुए चार्ज (Hidden Charges), देरी से भुगतान, प्रीपेमेंट की सुविधा को लेकर सारी जानकारियां ठीक से चेक करें।
  • धोखाधड़ी से सतर्क रहें। कम ब्याज दर और अच्छे लगने सौदों को लेकर ज्यादा सावधानी बरतें। ऋणदाता की वैधता की पुष्टि करें।
  • अपना क्रेडिट स्कोर जानें। ऋण पात्रता और ब्याज दर आपके क्रेडिट स्कोर से प्रभावित होते हैं। क्रेडिट रिपोर्ट की जांच समय से करवा लें। स्कोर बढ़ाने के ऑप्शन पर जाएं। यह स्कोर 700 से ऊपर हो तो ही लोन लेने की सलाह दी जाती है।
  • अपनी फाइनैंशियल जरूरत को समझें। खुद से सवाल करें कि क्या हकीकत में लोन लेना ही एकमात्र उपाय होगा। इसके बजाय, बचत या इंतजार करने के ऑप्शन पर जा सकते हैं। लोन से ज्यादा किफायती विकल्पों को खोजें।