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क्या है National Logistics Policy? जिससे मिलेगी आत्मनिर्भर भारत को रफ्तार

National Logistic Policy प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कल नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी की शुरुआत की गई। इस पॉलिसी से देश में माल ढुलाई की लागत में बड़ी कमी आएगी। साथ ही इसका उद्देश्य देश को लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स में टॉप 25 देशों में शामिल कराना है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 18 Sep 2022 03:02 PM (IST)
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what is National Logistic Policy and its benefits and Key Feature
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शनिवार को नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी (National Logistics Policy-NLP) का अनावरण किया गया है। इसका उद्देश्य अगले पांच साल में देश में माल ढुलाई यानी लॉजिस्टिक लागत को जीडीपी के 14-15 प्रतिशत घटाकर 8 प्रतिशत करना है। इसके साथ ही एक रोडमैप तैयार करना है कि कैसे देश में सामानों को एक जगह से दूसरी जगह पर ले जाने के लिए सड़कों पर निर्भरता घटाकर रेल, जहाज, सड़क और एयर ट्रांसपोर्ट का एक मिक्स तैयार किया जाए।

केंद्र सरकार नेशनल लॉजिस्टिक पॉलिसी पर पिछले 3 सालों से कार्य कर रही है। 2019 में इस पॉलिसी के ड्राफ्ट को तैयार किया जाना था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसमें देरी हो गई।

आत्मनिर्भर भारत को मिलेगी रफ्तार

इस पॉलिसी से देश में कॉर्पोरेट सेक्टर को बड़ा फायदा होगा। इससे फैक्ट्री से निकलने वाले सामान की ढुलाई लागत में कमी आएगी। भारत के कारोबारी आसानी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना सामान कम कीमत पर बेच सकेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस पॉलिसी का अनावरण करते हुए कहा कि यह पॉलिसी निचले स्तर से राष्ट्रीय स्तर तक आत्मनिर्भर भारत को नई उड़ान देने वाली होगी।

NLP के फीचर्स

एनएलपी के तहत सरकार की कोशिश ट्रांसपोर्ट सेक्टर में डिजिटलीकरण को बढ़ावा दे रही है। इसमें मुख्य चार भाग हो सकते हैं। पहला यूनिफाइड लॉजिस्टिक इंटरफेस प्लेटफार्म (ULIP) को शुरू करना, दूसरा डिजिटल सिस्टम का एकीकरण, तीसरा लॉजिस्टिक के प्रवाह को आसान बनाना और चौथा सिस्टम इंप्रूवमेंट ग्रुप (SIG) बनाना।

इस पॉलिसी के तहत देश में ट्रांसपोर्ट लागत को जीडीपी के 6 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत, वेयरहाउसिंग लागत को 3.5 प्रतिशत से घटाकर 2.5 प्रतिशत, भंडार लागत केवल 2.5 प्रतिशत से घटाकर 1 प्रतिशत और प्रोसेसिंग की लागत को 1 प्रतिशत से घटाकर 0.5 प्रतिशत करना है।

समन्वय बढ़ाने पर होगा जोर

एनएलपी के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) और सर्विस इंप्रूवमेंट ग्रुप (SIG) को स्थापित किया जाएगा। इसका उद्देश्य मंत्रालयों के बीच समन्वय को बढ़ाने पर होगा। एनपीजी में रेल मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के साथ नवीकरणीय ऊर्जा और दूरसंचार विभाग के सदस्यों को शामिल किया जाएगा।

एसआईजी में एनपीजी ग्रुप के सभी सदस्यों को शामिल किया जाएगा इसके साथ ही आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय, राजस्व विभाग से सदस्यों को शामिल किया जाएगा।

लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स

इस पॉलिसी के तहत सरकार की योजना देश को 2030 तक लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स में दुनिया की टॉप 25 देशों में शामिल करना है। लॉजिस्टिक परफॉर्मेंस इंडेक्स 2018 के मुताबिक, भारत अभी इस लिस्ट में 44वें नंबर पर है।

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