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कितने तरह के होते हैं Price Index, कीमत तय करने से लेकर महंगाई के आकलन तक; क्या है इनका रोल

Price Index Meaning Types And Role In India किसी भी वस्तु का दाम तय करना हो मुद्रास्फीति के आंकड़ों को तय करना हो हर काम के लिए प्राइस इंडेक्स या मूल्य सूचकांक एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। (फोटो- जागरण ग्राफिक्स)

By Sonali SinghEdited By: Sonali SinghUpdated: Thu, 13 Apr 2023 05:30 PM (IST)
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Price Index In Indian Economy, How Its Work And Types
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। समय के साथ वस्तुओं और सेवाओं की समय की बढ़ती कीमतों की वजह से मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर ध्यान रखना जरूरी है। इसके लिए मूल्य सूचकांक (price index) का सहारा लिया गया है।

इस मुद्रास्फीति सूचकांक का निर्माण करके मुद्रास्फीति को मापा जाता है। हालांकि, इंडेक्स में सभी कीमतों को शामिल नहीं किया जाता है और केवल उन वस्तुओं या सेवाओं का प्रतिनिधि करता है जो बाजार या समूह के लिए जरूरी है।

क्या है Price Index

Price Index या मूल्य सूचकांक दो अवधियों या स्थानों के बीच वस्तुओं या सेवाओं के एक चुने हुए बास्केट की कीमतों में औसत अंतर को दिखाता है। साथ ही, इनका इस्तेमाल समय के साथ कीमतों में आने वाले परिवर्तन का अनुमान लगाने के लिए भी किया जाता है। भारत में मुख्य रूप से तीन तरह के प्राइस इंडेक्स का इस्तेमाल किया जजाता है, जो हैं-

  • थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index- WPI)
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index- CPI)
  • उत्पादक मूल्य सूचकांक (Producer Price Index-PPI)

थोक मूल्य सूचकांक (Wholesale Price Index- WPI)

थोक मूल्य सूचकांक (WPI) थोक स्तर पर माल की कीमत को दिखाता है। ऐसे सामान जो थोक में बेचे जाते हैं और संगठनों के बीच कारोबार करते हैं, इनकी कीमतें जिसके आधार पर बाद में बिक्री के लिए थोक लेन-देन किया जाता है। WPI का उपयोग कुछ अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति के माप के रूप में किया जाता है। एक वर्ष में WPI में प्रतिशत वृद्धि उस वर्ष के लिए मुद्रास्फीति की दर बताती है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (Consumer Price Index- CPI)

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) वे कीमतें होती हैं, जो किसी वस्तु के लिए अंतिम उपभोक्ताओं को चुकानी पड़ती हैं। इसे जीवन निर्वाह सूचकांक भी कहा जाता है। इसमें वस्तुओं का एक बास्केट तैयार किया जाता है, जिसमें शहरी या ग्रामीण जैसे उपभोक्ता श्रेणियों के आधार पर विभिन्न श्रेणियां और उप-श्रेणियां बनाई जाती है। CPI का उपयोग करके मुद्रास्फीति को मापा जाता है।

उत्पादक मूल्य सूचकांक (Producer Price Index-PPI)

जैसा कि नाम से ही पता चलता है इसमें निर्माता या आउटपुट मूल्य को रखा जाता है, जिसमें औद्योगिक क्षेत्र के साथ-साथ सार्वजनिक उपयोगिताओं को कवर किया जाता है। WPI की कीमतों में कर और परिवहन शुल्क शामिल होते हैं। वहीं, कुछ देशों में कृषि, खनन, परिवहन और व्यापार सेवाओं को भी शामिल किया जाता है।