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FD: क्या होती है Swipe-In एफडी, जानिए इसके फायदे और नुकसान

Sweep In FD अपने भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए हम सेविंग अकाउंट ओपन करते हैं। इसी के साथ हम एफडी भी खुलवाते हैं। क्या आप जानते हैं कि आपके एक तरह का एफडी अकाउंट ओपन करवा सकते हैं जहां आपके अकाउंट में एक लिमिट के बाद पैसे ऑटोमेटिक ट्रांसफर हो जाएगा। आइए इस एफडी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Priyanka KumariEdited By: Priyanka KumariUpdated: Sun, 16 Jul 2023 06:00 PM (IST)
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Sweep In FD: क्या होती है Swipe-In एफडी

 नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। अपने भविष्य को सुरक्षित बनाए रखने के लिए पैसों को बचाना काफी जरूरी होता है। अगर आप भी अपने पैसे को सेव करने के लिए बैंक के सेविंग अकाउंट का इस्तेमाल करते हैं। आपको इस से ज्यादा फायदा फायदा एफडी या फिर अन्य निवेशक प्लान में मिल सकता है। बैंक अक्सर ग्राहकों को 2.50 फीसदी से लेकर 7 फीसदी तक का ब्याज मिलता है।

अगर आप सेविंग अकाउंट से भी ज्यादा पैसा कमाना चाहते हैं तो आपको स्वीप-इन-फिक्स्ड डिपाजिट्स या स्वीप-इन-एफडी में निवेश करना चाहिए।  आइए, सबसे पहले जानते हैं कि स्वीप-इन-एफडी क्या होती है?  

स्वीप-इन-एफडी क्या है?

इस एफडी में ग्राहक को ऑटो-स्वीप की सुविधा मिलती है। इसमें आप अपने सेविंग अकाउंट को इस एफडी में ट्रांसफर करवा सकते हैं। इस एफडी में आपको बैंक की तुलना में ज्यादा ब्याज दर मिलती है। आप जब बैंक में एफडी करवाते हैं तब 15 साल के बाद उसकी मैच्योरिटी हो जाती है। अगर आप स्वीप इन एफडी करवाते हैं तो आप इसे अपने मुताबिक कस्टमाइज करवा सकते हैं।

स्वीप-इन-एफडी कैसे काम करती है?

इस एफडी के नाम से आप ये समझ पा रहे होंगे कि इसमें आप अपने अकाउंट को एक तय सीमा के लिए एफडी में बदलवा सकते हैं। इस एफडी को लिंक किये गए बैंक अकाउंट से थ्रेसहोल्ड कर दिया जाता है। यह बैंक या फिर बैंक होल्डर के द्वारा किया जाता है। इसमें हर बैंक की ब्याज दर अलग होती है। तब बैंक अकाउंट में एक लिमिट के बाद पैसे डिपॉजिट हो जाते हैं तो वो अमाउंट एफडी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।

इसे ऐसे समझिए कि अगर आपने अपना एक सेविंग अकाउंट को 3 साल के लिए एफडी अकाउंट में ऑटो-स्वीप के तौर पर जोड़ा है। अब आपने इसके लिए थ्रेसहोल्ड लिमिट 40,000 रुपये तय की है तो जैसे आपके अकाउंट में इससे ज्यादा पैसे आ जाएंगे ये ऑटो स्वीप हो जाएगा। इसे ऐसे मानिए कि अगर आपके अकाउंट में 20,000 रुपये है। इसके बाद आपके अकाउंट में 70,000 रुपये हो गए तो ऐसे में 50,000 रुपये ऑटोमेटिक आपके एफडी अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।

स्वीप-इन-एफडी के फायदे

इस एफडी का सबसे बड़ा फायदा ये है कि आपको इस पर सेविंग अकाउंट के बैलेंस के साथ ही एफडी पर भी ब्याज मिलता है। यानी कि आपको एक साथ दो ब्याज मिलता है। आप इस एफडी का इस्तेमाल सेविंग अकाउंट के किसी शॉर्टफॉल के लिए बी कर सकते हैं। आप इस एफडी के फंड का इस्तेमाल इमरजेंसी के समय भी कर सकते हैं।

इन बातों का रखें ध्यान

  • आपको इसके लिए अपने अकाउंट में मिनिमम बैलेंस को बना कर रखना होगा। हर बैंक की एमएसपी थ्रेसहोल्ड अमाउंट अलग होता है।
  • बैंक आपके एसबीए के साथ थ्रेसहोल्ड अमाउंट भी तय करता है।
  • अगर आप इस एफडी को मैच्योरिटी से पहले तोड़ देते हैं तो बैंक आपसे इस पर ब्याज भी लेता है।
  • अगर आप इस एफडी से बार बार पैसे निकालते हैं तो आपको ब्याज की हानि होती है।
  • आप रोज के  खर्चों के लिए इन एफडी का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो आपको टैक्स लायबिलिटी कैलकुलेट करने में दिक्कत आ सकती है।