जापान के येन का शेयर मार्केट क्रैश से क्या है कनेक्शन, क्यों ट्रेंड हो रहा Carry Trade
Japan Stock Market Crash सोमवार को जापान के स्टॉक मार्केट में भारी गिरावट दर्ज की गई। सुबह बाजार खुलते ही जापान का स्टॉक एक्सचेंज निक्केई 2400 अंक यानी 7 फीसदी तक गिर गया। फिर यह सिलसिला आगे भी जारी ही रहा। आखिर में निक्केई 12.40 फीसदी यानी 4451.28 अंक गिरकर 31458.42 के स्तर पर बंद हुआ। जापानी मार्केट में गिरावट की सबसे बड़ी कैरी ट्रेड को माना जा रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। बैंक ऑफ जापान (BOJ) ने पिछले हफ्ते ब्याज दरों में 15 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था। इससे पहले मार्च में भी जापान के केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को बढ़ाया था। उसका मकसद अपनी करेंसी येन को मजबूत करना और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है।
जापान परंपरागत तौर पर कम ब्याज दर वाला देश माना जाता है। यही वजह है कि जापान से सस्ती दरों पर कर्ज उठाकर ट्रेडर्स उसे डॉलर में एक्सचेंज करते हैं और दूसरे देशों में निवेश करते, ज्यादातर अमेरिकी शेयर बाजार में। निवेश की यह रणनीति कहलाती है, कैरी ट्रेड। लेकिन, जापान में ब्याज दर बढ़ने के बाद यह रणनीति काफी महंगी हो गई है।
अब कैरी ट्रेड में क्या समस्या होगी?
जापानी मुद्रा येन को दुनियाभर के निवेशक कैरी ट्रेड के लिए काफी अच्छा समझते हैं। लेकिन, अब डॉलर के मुकाबले येन का भाव काफी बढ़ गया है। बैंक ऑफ अमेरिका का कहना है कि येन सबसे ज्यादा बढ़ चुकी करेंसी में से एक है। इससे कैरी ट्रेड करने वाले निवेशकों पर दोहरी मार पड़ रही है।
जापान में ब्याज दरें बढ़ने का मतलब है कि ट्रेडर्स को उधार लिए येन पर अधिक ब्याज देना होगा, साथ ही उन्हें भारी विदेशी मुद्रा घाटे का भी सामना करना पड़ रहा है। इससे वे शेयर मार्केट में बिकवाली कर रहे हैं, जिसका असर दुनियाभर के बाजारों पर पड़ रहा है।
भारत के लिए भी चिंता की बात?
भारत में भी जापानी निवेशकों ने कई कंपनियों में पैसे लगा रखे हैं। अगर येन की कीमत और बढ़ती है, तो जापानी निवेशक बिकवाली तेज कर सकते हैं। इससे भारतीय शेयर मार्केट में करेक्शन कुछ लंबा भी खिंच सकता है।
पिछले कुछ समय से म्यूचुअल फंड और रिटेल इन्वेस्टर्स शेयर मार्केट में काफी पैसा झोंक रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि वे जापानी निवेशकों की बिकवाली से होने वाली गिरावट की भरपाई कर सकते हैं, क्योंकि वे 'गिरावट पर खरीद' वाली रणनीति पर अमल कर रहे हैं।यह भी पढ़ें : कौन है दुनियाभर के शेयर मार्केट क्रैश का जिम्मेदार? क्या है इसमें उसका फायदा