मल्टीबैगर रिटर्न और डिविडेंड के लिए मशहूर Hindustan Zinc के शेयरों में बड़ी गिरावट, क्या है वजह?
अनिल अग्रवाल का वेदांता ग्रुप ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए हिंदुस्तान जिंक में अपनी 3.17 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहा है। वेदांता OFS में 486 रुपये के भाव में अपनी सब्सिडियरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक के शेयर बेच रही है। यह हिंदुस्तान जिंक के मौजूदा बाजार भाव से 32 रुपये कम है। यही वजह है कि हिंदुस्तान जिंक के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अरबपति कारोबारी अनिल अग्रवाल के मालिकाना हक वाली हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) के शेयरों में शुक्रवार को करीब 10 फीसदी की गिरावट आई। इस साल अप्रैल से मई के बीच बंपर रिटर्न देने वाले हिंदुस्तान जिंक के शेयर 9.40 फीसदी की गिरावट के साथ 518 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। इसने मई में 807.7 रुपये का अपना ऑल टाइम बनाया था और उसके बाद यह करीब 35 फीसदी तक फिसल चुका है।
आइए जानते हैं कि वेदांता ग्रुप के स्वामित्व वाले हिंदुस्तान जिंक के शेयरों लगातार गिरावट की वजह क्या है।
हिंदुस्तान जिंक में स्टेक बेच रही वेदांता
अनिल अग्रवाल का वेदांता ग्रुप ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए हिंदुस्तान जिंक में अपनी 3.17 फीसदी हिस्सेदारी बेच रहा है। वेदांता OFS में 486 रुपये के भाव में अपनी सब्सिडियरी कंपनी हिंदुस्तान जिंक के शेयर बेच रही है। यह हिंदुस्तान जिंक के मौजूदा बाजार भाव से 32 रुपये कम है। यही वजह है कि हिंदुस्तान जिंक के भाव में गिरावट देखने को मिल रही है। वेदांता OFS के जरिए 16 अगस्त और 19 अगस्त कुल 13.37 करोड़ शेयर्स बेचेगी।क्या करती है हिंदुस्तान जिंक?
हिंदुस्तान जिंक की नींव 1966 में पड़ी। यह मुख्यतौर पर जिंक और सिल्वर का उत्पादन करती है। जिंक प्रोडक्शन के मामले में यह दुनिया की दूसरी और चांदी के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी कंपनी है। जून तिमाही के आखिर तक वेदांता के पास हिंदुस्तान जिंक में 64.92 फीसदी हिस्सेदारी थी। सरकार के पास 29.54 फीसदी हिस्सेदारी थी। वहीं, LIC की हिस्सेदारी 2.76 फीसदी और म्यूचुअल फंड की 0.06 फीसदी है। अगर आम जनता यानी रिटेल इन्वेस्टर्स की बात करें, तो उनकी हिंदुस्तान जिंक में सिर्फ 1.51 फीसदी हिस्सेदारी है।
8,000 करोड़ का डिविडेंड देगी कंपनी
हिंदुस्तान जिंक मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने शेयरहोल्डर्स को 8,000 करोड़ रुपये का स्पेशल डिविडेंड देने की योजना बना रही है। इस मंजूरी को अंतिम रूप देने के लिए बोर्ड मीटिंग 20 अगस्त को होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, स्पेशल डिविडेंड का 30 फीसदी यानी करीब 2,400 करोड़ रुपये नॉन-टैक्स रेवेन्यू के रूप में सरकार को मिलेगा, जिसकी हिंदुस्तान जिंक में हिस्सेदारी 29.5 फीसदी है। वहीं, वेदांता को करीब 51 करोड़ रुपये मिलेंगे।
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