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बीमा पॉलिसी, बैंक अकाउंट और शेयर मार्केट सबके लिए सिर्फ एक KYC, जानिए कैसे मुमकिन होने वाला है ये

अभी हमें बीमा बैंक या फिर डीमैट अकाउंट खुलवाने के लिए अलग-अलग केवाईसी करानी पड़ती है। इसमें काफी वक्त लगता है और पैसे भी खर्च होते हैं। लेकिन अब सरकार ऐसा नियम लाने की तैयारी कर रही है जिसमें आप किसी एक वित्तीय संस्था में केवाईसी कराने के बाद उसका लाभ दूसरे क्षेत्रों में भी ले सकेंगे। आइए इस नियम के बारे में विस्तार से जानते हैं।

By Jagran News Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 15 Mar 2024 12:40 PM (IST)
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनिफॉर्म केवाईसी का प्रस्ताव दिया है।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अगर आप इंश्योरेंस पॉलिसी लेने जा रहे हैं, बैंक अकाउंट खुलवा रहे या फिर शेयर मार्केट में निवेश करने जा रहे हैं, हर बार आपकी नए सिरे से KYC (Know Your Customer) होती है। सरकारी योजनाओं का लाभ लेना है, तो भी KYC करानी पड़ती है। इसमें काफी वक्त जाया होता है।

अगर आप भी बार-बार KYC कराने की परेशानी से निजात चाहते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है। अब सरकार KYC से जुड़े नियम बदलकर यूनिफॉर्म केवाईसी (Uniform KYC) लागू करने पर विचार कर रही है। इसमें आपको एक ही बार विस्तृत KYC करानी पड़ेगी और फिर आप उसका इस्तेमाल कहीं भी कर सकते हैं।

आइए जानते हैं कि यूनिफॉर्म केवाईसी क्या है, इसका प्रस्ताव किसने दिया है और यह कब तक लागू हो सकती है।

यूनिफॉर्म KYC काम कैसे करता है?

यूनिफॉर्म केवाईसी में 14 अंकों का CKYC नंबर जारी होगा। इसका इस्तेमाल RBI, सेबी और इरडा जैसे रेगुलेटर के दायरे में आने वाली संस्थाओं में किया जा सकेगा। मतलब कि आपको बैंक अकाउंट, फास्टैग, शेयर बाजार और इंश्योरेंस के लिए नए सिरे से केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बस CKYC नंबर देने भर से आपका काम हो जाएगा।

यूनिफॉर्म KYC का सुझाव कहां से मिला?

वित्त मंत्रालय ने साल 2016 में सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (CKYCR) का गठन किया था। इसका मकसद था, जनता को बार-बार केवाईसी कराने की दिक्कतों से छुटकारा दिलाना था। यहीं से यूनिफॉर्म KYC का प्रस्ताव रखा गया।

पिछले दिनों वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी कहा कि ग्राहकों के सत्यापन के लिए यूनिफॉर्म केवाईसी (Uniform KYC) किया जा सकता है। इससे लोगों को केवाईसी के बार-बार मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा।

फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) का मानना है कि बार-बार केवाईसी कराने की प्रक्रिया काफी थकाऊ है। अगर यूनिफॉर्म केवाईसी लागू किया जाता है, तो वक्त के साथ खर्च भी बचेगा। फिर जनता किसी वित्तीय संस्थान में एक बार केवाईसी कराने के बाद दूसरे सेगमेंट में भी उसका लाभ ले सकती है।

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