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Share Market में इस स्ट्रेटजी के Warren Buffett भी हैं दीवाने; जानिए क्या है Value Investing, कैसे करती है काम

Stock Market में निवेश करने के लिए अपनाए जाने वाली स्ट्रेटजी में से एक Value investing भी है। इसका उपयोग दुनिया भर में प्रसिद्ध इन्वेटर Warren Buffett की ओर से भी किया जाता है। इस लेख में जानेंगे कि वैल्यू इन्वेस्टिंग काम कैसे करती है और कैसे एक निवेशक इसकी मदद से शेयर बाजार में किसी सही शेयर को चुन सकता है।

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Sat, 24 Jun 2023 06:30 PM (IST)Updated: Sat, 24 Jun 2023 06:30 PM (IST)
जानिए क्या होती है Value Investing (जागरण ग्रफिक्स)

नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क। शेयर बाजार में निवेश के लिए ट्रेडर और इन्वेस्टर की ओर से कई प्रकार के तरीकों को अपनाया जाता है। इसमें से ही एक स्ट्रेटजी है वैल्यू इन्वेस्टिंग की, जिसकी मदद से आप शेयर बाजार में अपने लिए एक अच्छा शेयर खोज सकते हैं। इस स्ट्रेटजी का इस्तेमाल शेयर बाजार से जादूगर वॉरेन बफेट (Warren Buffett) की ओर से भी किया जाता है। आज हम अपने इस लेख में जानेंगे कि कैसे ये स्ट्रेटजी काम करती है।

क्या होती है Value Investing?

वैल्यू इन्वेस्टिंग के तहत ऐसी कंपनियों में निवेश किया जाता है जिनके शेयर की कीमत बाजार में सही कीमत से कम है या फिर कहा जाए तो कंपनी के शेयर की कीमत जितनी होनी चाहिए, उससे कम है। जब भी बाजार में उससे जुड़ी कोई सूचना आदि आती है तो शेयर की कीमत उसके हिसाब से एडजस्ट हो जाती है।

कैसी की जाती है Value Investing?

Value Investing करने के लिए निवेशकों को सही समय पर उचित कीमत पर निवेश करना चाहिए। आमतौर वैल्यू इन्वेस्टिंग ऐसे समय पर की जाती है, जब शेयर बाजार में मंदी का माहौल होता है।

शेयर बाजार में आमतौर पर देखा जाता है कि जब भी बड़ी गिरावट होती है तो शेयरों की कीमत अपनी असली कीमत से नीचे जाती है और जब तेजी होती है तो कीमत बहुत अधिक बढ़ जाती है।

जैसा कि हमने कोरोना के दौरान शेयर बाजार में देखा। कोरोन का कारण बाजार क्रैश कर गए थे और कई अच्छे शेयरों की कीमत अपने भाव से काफी नीचे चली गई थी। वहीं, इसके कुछ दिनों के बाद बाजार में तेजी आ गई और शेयरों की कीमत अपने सही भाव पर आ गई थी।

Value Investing करते समय किन बातों का रखें ध्यान?

Value Investing करते समय निवेशकों को कुछ बातों का ध्यान अवश्य रखना चाहिए।

  • केवल कम PE रेश्यो और बुक वैल्यू से कम कीमत पर शेयर की कीमत होना ही वैल्यू इन्वेस्टिंग का मापदंड नहीं है। इससे आप शेयर में फंस सकते हैं। क्योंकि किसी भी शेयर की कीमत को तय करने के लिए मुनाफा, कंपनी एसेट्स के अलावा मैनेजमेंट की क्वालिटी कैसी है और कंपनी निवेशकों को कितना डिविडेंड देती है। इसकी भी बड़ी भूमिका होती है।
  • वैल्यू इन्वेस्टिंग हमेशा ऐसी कंपनियों में की जाती है। जहां पर कंपनी का बिजनेस बढ़ रहा हो और कंपनी में किसी भी प्रकार की कोई समस्या न हो।
  • वैल्यू इन्वेस्टिंग करते समय किसी भी निवेशक को कंपनी के बिजनेस का विश्लेषण, जिस इंडस्ट्री में कंपनी कारोबार करती है उसके बारे में पूरी जानकारी जुटा लेनी चाहिए। साथ ही कंपनी पर कोई जांच आदि तो नहीं चल रही है। इसके बारे में पता लगाना चाहिए।
  • वैल्यू इन्वेस्टिंग ज्यादातर लंबी अवधि के लिए ही की जाती है और इस कारण निवेशकों के लिए जरूरी है कि जिस कंपनी में आप निवेश कर रहे हैं उसे समय समय पर ट्रेक करते हैं और कंपनी के मुनाफे और किसी कारोबार में उतरी है। इसकी पूरी जानकारी लेती रहनी चाहिए।

 


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