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Vistara Crisis: जल्द खत्म हो सकता है विस्तारा संकट! जानें क्या कहा एयरलाइन के CEO ने

विस्तारा का टाटा ग्रुप की दूसरी एयरलाइन एअर इंडिया में मर्जर होने वाला है। नई एयरलाइन के सैलरी स्ट्रक्चर के हिसाब से विस्तारा के पायलटों का वेतन का कम हो जाएगा जिसका वे विरोध कर रहे हैं। पायलट ज्यादा वर्कलोड की भी शिकायत कर रहे हैं। विस्तारा के CEO का कहना है कि उनकी पायलटों से बात हुई है और यह समस्या जल्द सुलझने की उम्मीद है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Sun, 07 Apr 2024 03:26 PM (IST)
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विस्तारा में कुल 6,500 लोग काम करते हैं, जिनमें से 1,000 पायलट हैं।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। टाटा ग्रुप और सिंगापुर एयरलाइंस के मालिकाना हक वाली विमानन कंपनी विस्तारा (Vistara) इस वक्त बड़े संकट से जूझ रही है। दरअसल, विस्तारा के पायलट नए रोस्टरिंग सिस्टम और सैलरी स्ट्रक्चर से नाखुश हैं और अपना विरोध जताने के लिए सिक लीव पर चले गए हैं। इससे विस्तारा कई अहम उड़ानों का संचालन नहीं कर पा रही। उसे बहुत सी फ्लाइट कैंसिल भी करनी पड़ी है।

CEO को उम्मीद, जल्द सुलझेगा संकट

हालांकि, विस्तारा के सीईओ विनोद कन्नन ( Vinod Kannan) को उम्मीद है कि यह संकट जल्द सुलझ जाएगा। उन्होंने कहा कि हम पायलटों से चर्चा के बाद मौजूदा रोस्टरिंग सिस्टम की समीक्षा करेंगे। साथ ही, सैलरी स्ट्रक्चर में भी जरूरी बदलाव किए जाएंगे। पायलटों का आरोप है कि नए रोस्टर से उन्हें आराम के लिए पर्याप्त वक्त नहीं मिल पाता, जिससे उनकी निजी जिंदगी भी प्रभावित हो रही है।

कन्नन ने इस बार पर भी जोर दिया है कि विस्तारा छोड़ने वाले अधिकारियों या फिर कर्मचारियों की संख्या में भी कोई असामान्य उछाल नहीं आया है। विस्तारा में कुल 6,500 लोग काम करते हैं, जिनमें से 1,000 पायलट हैं। उन्होंने कहा कि कुछ ऐसे पायलट हैं, जिन्हें ज्यादा उड़ान भरना पसंद है। लेकिन, कुछ को यह नहीं पसंद है। हम सबका फीडबैक लेकर इसमें जरूरी सुधार करेंगे।

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पायलटों की शिकायत क्या है?

दरअसल, विस्तारा का टाटा ग्रुप की दूसरी एयरलाइन एअर इंडिया में मर्जर होने वाला है। पायलट मर्जर के बाद अपने नए सैलरी स्ट्रक्चर का विरोध कर रहे हैं, जिसमें उनका कम हो जाएगा। इस मर्जर का प्रभार भी कन्नन के पास ही है।

विस्तारा के पायलट सिर्फ नए सैलरी स्ट्रक्चर से नाखुश नहीं है। वे लोग यह भी चाहते हैं कि एविएशन रेगुलेटर DGCA ने पायलटों के आराम के जो नए नियम बनाए हैं, उन्हें विस्तारा भी जल्द लागू करे। साथ ही, अगर विस्तारा विस्तारा फ्लाइट की संख्या बढ़ाती है, तो एडवांस में पायलटों का बफर भी तैयार रखे।

हालांकि, मसला यह है कि विस्तारा के करीब 200 पायलट ट्रेनिंग पीरियड में है। इससे सीनियर पायलटों पर काम का बोझ अधिक है। थकाऊ काम के साथ नए सैलरी स्ट्रक्चर में उनका वेतन कम करने की तैयारी हो रही है, जिससे वे काफी नाराज हैं।

क्या अनिश्चित है पायलटों का भविष्य?

एयर इंडिया और विस्तारा का के मर्जर की प्रक्रिया अगले साल के मध्य तक पूरी होने वाली है। ऐसे में एक सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या मर्जर की वजह से विस्तारा के पायलटों को अपना भविष्य अनिश्चित लग रहा है। इस पर कन्नन का कहना है कि मर्जर का मकसद एयरलाइन को बड़ा और बेहतर बनाना है।

उन्होंने कहा कि विस्तारा और एअर इंडिया के मर्जर के बाद बनने वाली एयरलाइन में 400-500 विमान आ रहे हैं। इससे तो हमारे पायलटों के लिए अवसर बढ़ेंगे, उनकी नौकरी पर खतरा नहीं आएगा। उन्होंने बताया कि विस्तारा के कुछ पायलट पहले ही एअर इंडिया में चले गए हैं। कन्नन ने यह भी कहा कि विस्तारा लगातार पायलट नए कर्मचारियों को हायर भी कर रही है।

विस्तारा का फ्लाइट ऑपरेशन डांवाडोल

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, पायलटों के विरोध की वजह से विस्तारा को 200 से अधिक फ्लाइट कैंसिल करनी पड़ी है। अगर फ्लाइट में देरी की बात करें, तो यह संख्या 300 के पार पहुंच गई है। इससे 30 हजार से अधिक यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ी है। इन यात्रियों को विस्तारा ने या रिफंड दिया है, या फिर किसी अन्य फ्लाइट में शिफ्ट कराया है।

इससे विस्तारा को भी बड़ा नुकसान हुआ है। एक अनुमान के मुताबिक, फ्लाइट के कैंसिल और डिले होने से विस्तारा को 15 करोड़ रुपये से अधिक की चपत लगी है।

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