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Budget 2024: शेयर मार्केट पर क्या होगा बजट का असर, तेजी आएगी या रहेगा गिरावट का डर?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस कई बड़ी नीतिगत एलान होंगे जिनका व्यापक असर होगा। शेयर मार्केट भी इससे अछूता नहीं रहेगा। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (FO) ट्रेडिंग से लेकर कैपिटल गेन टैक्स पर सरकार अहम घोषणाएं कर सकती हैं। साथ ही बाजार की नजर इस बात पर भी रहेगी कि किस सेक्टर को बजट में कितना आवंटन मिलता है।

By Suneel Kumar Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 19 Jul 2024 04:30 PM (IST)
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बजट से पहले शेयर मार्केट में मुनाफावसूली का दौर चल रहा है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट की यूनियन बजट पर काफी बारीक नजर रहती है, क्योंकि इससे अधिकतर सेक्टर और कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से प्रभावित होते हैं। यही वजह है कि बजट की तारीख नजदीक आते ही स्टॉक मार्केट थोड़ा सतर्क हो जाता है और मुनाफावसूली तेज हो जाती है।

निवेशकों को लगता है कि बजट में टैक्स या दूसरे किस्म के बदलाव हो सकते हैं, जिसका उनके इन्वेस्टमेंट पर बुरा असर हो सकता है। खासकर, उसकी नजर इस बात पर रहती है कि कहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स में कहीं कोई बदलाव तो नहीं हो रहा। या फिर किसी असेट क्लास का होल्डिंग पीरियड तो नहीं बदल रहा।

आइए जानते हैं कि इस बार शेयर मार्केट की बजट से क्या उम्मीदें हैं और उसे किस बात का डर है। साथ ही, बजट के बाद स्टॉक मार्केट का हाल कैसा रहने वाला है।

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस पर बढ़ी चिंता

इस बार भी शेयर मार्केट हमेशा की तरह बजट से पहले सतर्क हो गया है। उसकी एक और चिंता भी है, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग को लेकर। पिछले काफी समय से मार्केट रेगुलेटर सेबी से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक F&O ट्रेडिंग में रिटेल इन्वेस्टर की बढ़ती तादाद से चिंतित हैं। सेबी के आंकड़े बताते हैं कि 10 में से 1 ही F&O ट्रेडर को फायदा होता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बजट में F&O से कमाई पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है।

लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स

एक्सपर्ट का मानना है कि अभी मोदी सरकार कैपिटल गेंस टैक्स रेट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं सोच रही। हालांकि, वह टैक्स रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए कुछ उपाय कर सकती है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा कि टैक्स रिजीम स्थिर ही रहेगा। इनमें रिटेल इन्वेस्टर्स लेकर घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशक भी शामिल हैं। अभी देश में मल्टीपल कैपिटल गेंस टैक्स रेट हैं, जो कि ट्रांसफर होने वाली कैपिटल एसेट के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।

हालांकि, जेफरीज जैसी रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि सरकार रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा सकती है। अभी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15 फीसदी है। अगर इसमें कोई इजाफा किया जाता है, तो बाजार इस पर तात्कालिक प्रतिक्रिया दे सकता है।

वित्तीय धोखाधड़ी पर लगाम

शेयर मार्केट के नाम पर होने वाली वित्तीय धोखाधड़ी काफी बढ़ गई है। खासकर, टेलीग्राम, फेसबुक और वॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म के जरिए। कई बार मशहूर वित्तीय हस्तियों के नाम पर निवेशकों को ठगने की कोशिश की जाती है। ब्रोकिंग प्लेटफॉर्म जेरोधा के फाउंडर नितिन कामत और एनएसई चीफ आशीषकुमार चौहान शिकायत कर चुके हैं कि कुछ फेक मैसेज में उनके नाम का इस्तेमाल किया जा रहा है। लेकिन, उन्होंने किसी भी स्टॉक में पैसे लगाने का सुझाव नहीं दिया।

कई फाइनेंशियल इंफ्लुएंसर पर भी स्टॉक की कीमतों में हेरफेर करने के आरोप लगे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट में शेयर मार्केट में होने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए भी कोई पुख्ता एलान कर सकती हैं।

बजट के बाद शेयर मार्केट का हाल?

बजट के बाद शेयर मार्केट का हाल कैसा रहता है, यह काफी हद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एलानों पर निर्भर करेगा। खासकर, उन सेक्टर के शेयरों में ज्यादा तेजी आ सकती है, जिनके लिए सरकार बजट आवंटन बढ़ाएगी।

जानकारों का मानना है कि सरकार बजट में रेलवे, बिजली, आवास और डिफेंस जैसे प्रमुख सेक्टर में कैपिटल एक्सपेंडिचर को बढ़ा सकती है। इन क्षेत्रों में इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर करने पर सरकार का खास फोकस है। ऐसा होने की सूरत में मार्केट अपनी जबरदस्त प्रतिक्रिया दे सकता है।

कोविड महामारी के बाद शहरी क्षेत्रों में खपत काफी हद तक रिकवर हो चुकी है। डिमांड भी काफी तेज है। लेकिन, ग्रामीण इलाकों में अभी भी सुस्ती है। ऐसे में वित्त मंत्री ग्रामीण क्षेत्रों में खपत बढ़ाने का उपाय कर सकती हैं। अगर ऐसा होता है, तो FMCG सेक्टर के शेयरों में उछाल दिख सकता है।

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