Budget 2024: शेयर मार्केट पर क्या होगा बजट का असर, तेजी आएगी या रहेगा गिरावट का डर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्त वर्ष 2024-25 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस कई बड़ी नीतिगत एलान होंगे जिनका व्यापक असर होगा। शेयर मार्केट भी इससे अछूता नहीं रहेगा। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (FO) ट्रेडिंग से लेकर कैपिटल गेन टैक्स पर सरकार अहम घोषणाएं कर सकती हैं। साथ ही बाजार की नजर इस बात पर भी रहेगी कि किस सेक्टर को बजट में कितना आवंटन मिलता है।
बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। शेयर मार्केट की यूनियन बजट पर काफी बारीक नजर रहती है, क्योंकि इससे अधिकतर सेक्टर और कंपनियां प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तरीके से प्रभावित होते हैं। यही वजह है कि बजट की तारीख नजदीक आते ही स्टॉक मार्केट थोड़ा सतर्क हो जाता है और मुनाफावसूली तेज हो जाती है।
निवेशकों को लगता है कि बजट में टैक्स या दूसरे किस्म के बदलाव हो सकते हैं, जिसका उनके इन्वेस्टमेंट पर बुरा असर हो सकता है। खासकर, उसकी नजर इस बात पर रहती है कि कहीं लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स में कहीं कोई बदलाव तो नहीं हो रहा। या फिर किसी असेट क्लास का होल्डिंग पीरियड तो नहीं बदल रहा।
आइए जानते हैं कि इस बार शेयर मार्केट की बजट से क्या उम्मीदें हैं और उसे किस बात का डर है। साथ ही, बजट के बाद स्टॉक मार्केट का हाल कैसा रहने वाला है।
फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस पर बढ़ी चिंता
इस बार भी शेयर मार्केट हमेशा की तरह बजट से पहले सतर्क हो गया है। उसकी एक और चिंता भी है, फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (F&O) ट्रेडिंग को लेकर। पिछले काफी समय से मार्केट रेगुलेटर सेबी से लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण तक F&O ट्रेडिंग में रिटेल इन्वेस्टर की बढ़ती तादाद से चिंतित हैं। सेबी के आंकड़े बताते हैं कि 10 में से 1 ही F&O ट्रेडर को फायदा होता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि बजट में F&O से कमाई पर टैक्स बढ़ाया जा सकता है।
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स
एक्सपर्ट का मानना है कि अभी मोदी सरकार कैपिटल गेंस टैक्स रेट के बारे में ज्यादा कुछ नहीं सोच रही। हालांकि, वह टैक्स रेट को तर्कसंगत बनाने के लिए कुछ उपाय कर सकती है। इससे निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा कि टैक्स रिजीम स्थिर ही रहेगा। इनमें रिटेल इन्वेस्टर्स लेकर घरेलू और विदेशी संस्थागत निवेशक भी शामिल हैं। अभी देश में मल्टीपल कैपिटल गेंस टैक्स रेट हैं, जो कि ट्रांसफर होने वाली कैपिटल एसेट के हिसाब से अलग-अलग हो सकते हैं।
हालांकि, जेफरीज जैसी रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि सरकार रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए कैपिटल गेन टैक्स बढ़ा सकती है। अभी शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 10 और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15 फीसदी है। अगर इसमें कोई इजाफा किया जाता है, तो बाजार इस पर तात्कालिक प्रतिक्रिया दे सकता है।