सेबी चीफ पर हिंडनबर्ग के आरोपों का शेयर मार्केट पर क्या होगा असर, एक्सपर्ट ने बताया
10 अगस्त को अपने नए खुलासे में हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख और उनके पति पर आरोप लगाया कि बरमूडा और मॉरीशस के उस फंड में इन दोनों ने निवेश किए जिसमें अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के भाई विनोद अदाणी ने पैसा लगा रखा है और उस फंड का इस्तेमाल शेयर को मैनुपुलेट करने के लिए किया जा रहा था। आरोपों का असर बाजार खुलने पर दिख सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी बुच और उनके पति धवल बुच ने अमेरिकी शार्ट सेलिंग कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के हितों के टकराव के आरोप को बेबुनियाद व तथ्यहीन करार दिया है। वहीं अदानी समूह ने भी नए आरोप को बदले की भावना से प्रेरित, दुर्भावनापूर्ण और नुकसानदेह बताते हुए कहा कि हिंडनबर्ग ने अपने फायदे के लिए इस प्रकार के आरोप लगाए हैं।
क्या करती है हिंडनबर्ग रिसर्च
हिंडनबर्ग एक शार्ट सेलिंग कंपनी है और जो इस प्रकार के आरोप लगाकर बाजार में शार्ट सेलिंग कर मुनाफा कमाने का काम करती है। पिछले साल जनवरी में भी हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदानी समूह पर बड़ा खुलासा करते हुए कंपनी पर शेयर भाव को मैनुपुलेट करने और उसमें हेराफेरी का आरोप लगाया था जिससे अदानी समूह के बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैपिटलाइजेशन) में चार लाख करोड़ तक की गिरावट आई थी और अदानी को अपना एफपीओ वापस लेना पड़ा था।
तब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेबी को इस मामले की जांच सौंपी गई थी और सेबी ने अदानी को हेराफेरी व मैन्यूपुलेशन से जुड़े 22 मामले में क्लीन चीट दे दी थी। सेबी ने इस मामले में हिंडनबर्ग रिसर्च को कारण बताओ नोटिस जारी किया था, जिसका जवाब अब तक हिंडनबर्ग ने सेबी को नहीं दिया है।
क्या है हिंडनबर्ग का नया खुलासा
10 अगस्त को अपने नए खुलासे में हिंडनबर्ग ने सेबी प्रमुख और उनके पति पर आरोप लगाया कि बरमूडा और मॉरीशस के उस फंड में इन दोनों ने निवेश किए जिसमें अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदानी के भाई विनोद अदाणी ने पैसा लगा रखा है और उस फंड का इस्तेमाल अदानी समूह भारत में अपने शेयर को मैनुपुलेट करने में कर रहा था।
हिंडनबर्ग ने यह भी आरोप लगाया है कि सेबी प्रमुख के पति रियल स्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटीएस) से जुड़ी ब्लैकस्टोन में सलाहकार का काम कर रहे है और माधवी बुच के कार्यकाल में कई आरईआईटीएस को सेबी की मंजूरी मिली।
बुच दंपती ने आरोपों पर क्या कहा
बुच दंपती ने अपने जवाब में कहा है कि हिंडनबर्ग जिस विदेशी फंड में निवेश का आरोप लगा रहा है, वह वर्ष 2015 में किया गया था, जब वे दोनों सिंगापुर में रह रहे थे। यह निवेश सिटी बैंक, जेपी मॉर्गन जैसी कई कंपनियों में काम कर चुके इन्वेस्टमेंट ऑफिसर अनिल आहुजा के कहने पर किया गया था जो धवल के बचपन का दोस्त है। उन्होंने कहा कि आहुजा ने उन्हें आश्वस्त किया कि उनका निवेश अदाणी समूह के किसी बॉन्ड या शेयर में नहीं किया गया था।
माधबी की तरफ से यह भी कहा गया है कि हिंडनबर्ग ने सेबी पर जो आरोप लगाए हैं, उसका जवाब अलग से संस्था की तरफ से दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग ने भारत के कई नियमों का उल्लंघन किया है जिसे लेकर उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। हिंडनबर्ग अब कारण बताओ नोटिस का जवाब नहीं देकर उनके चरित्र का हनन करने पर लग गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।