RBI Rate Cut: आरबीआई कर रहा इस बात का इंतजार, जानिए कब कम होगी आपकी EMI
महंगाई के ढीले होते तेवर को देखकर यह सवाल उठने लगा है कि ब्याज दरों में कटौती कब होगी और इस बारे में आरबीआई कब फैसला करेगा। जानकारों की मानें तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (तीसरी या चौथी तिमाही) में ही केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों को घटाकर कर्ज को सस्ता करने का कदम उठाया जा सकता है। आइए जानते हैं पूरी खबर।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। महंगाई के ढीले होते तेवर को देखकर यह सवाल उठने लगा है कि ब्याज दरों में कटौती कब होगी और इस बारे में आरबीआई कब फैसला करेगा। जानकारों की मानें तो चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही (तीसरी या चौथी तिमाही) में ही केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों को घटाकर कर्ज को सस्ता करने का कदम उठाया जा सकता है।
कुछ ऐसा ही संकेत हाल ही में एसबीआई की तरफ से सावधि जमा स्कीमों पर ब्याज दरों को बढ़ाने से भी मिल रहा है। बैंकिंग उद्योग के जानकारों का कहना है कि निकट भविष्य में कर्ज के सस्ता होने का असर जमा दरों पर भी दिखेगा यानी जमा दरें भी कम होंगी। ऐसे में एसबीआई जैसे बड़े बैंक ने पहले ही ज्यादा ब्याज देकर जमा संग्रह को आकर्षक बनाने का फैसला किया है।
विकसित देशों के फैसले का इंतजार
पीजीआईएम इंडिया म्यूचुअल फंड की तरफ से पिछले हफ्ते जारी एक विस्तृत रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दरों को घटाने से पहले आरबीआई लंबी अवधि तक ब्याज दरों को स्थिर रखेगा। इसके बाद आरबीआईइ विकसित देशों की तरफ से ब्याज दरों को घटाने के बाद ही भारत में इस तरह का कदम उठाएगा। भारत में अभी विकास दर और महंगाई की स्थिति को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी या चौथी तिमाही में ही ब्याज दरों को घटाया जा सकता है।
पीजीआईएम के प्रमुख (फिक्स्ड इंकम) पुनीत पाल का कहना है कि देश की तेज आर्थिक विकास दर, नीचे स्तर पर आ चुकी महंगाई दर और बाहरी दुनिया की स्थिति बताती है कि भारत की अर्थव्यवस्था अभी काफी मजबूत स्थिति में है। आरबीआइ गवर्नर की अध्यक्षता होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की आगामी बैठक जून, 2024 में है।
जल्द होगा खत्म उच्च ब्याज दरों का दौर
सिर्फ भारतीय संदर्भ में ही नहीं बल्कि वैश्विक स्तर पर भी यह अर्थविद यह मानने लगे हैं कि उच्च ब्याज दरों का दौर जल्द ही खत्म होगा। बैंक आफ इंग्लैंड के डिप्टी गवर्नर ने बेन ब्राडबेंट ने सोमवार (20 मई) को कहा है कि इस साल ब्रिटेन में ब्याज दरों में नरमी संभव है।
अमेरिका के बारे में आर्थिक विशेषज्ञों के बीच यह सहमति है कि वहां सितंबर, 2024 में फेडरल बैंक ब्याज दरों में कमी करेगा। हाल के वर्षों में आरबीआई ने हर बार अमेरिका के केंद्रीय बैंक की तरफ से ब्याज दरों में कटौती के बाद ही भारत में भी ऐसा फैसला किया है।
ब्याज दरों पर क्या है एक्सपर्ट की राय
इक्रा लिमिटेड की प्रमुख अर्थशास्त्री अदिति नायर का कहना है कि अप्रैल माह में खाद्य उत्पादों की महंगाई में थोड़ा वृद्धि होने के बावजूद संपूर्ण रूप से देखें तो महंगाई की दर में कमी आई है। हालांकि आगामी बैठक में ब्याज दरों को लेकर कोई फैसला होने की संभावना कम ही है।
वहीं, केयर रेटिंग्स की प्रमुख अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा, 'उम्मीद है कि महंगाई की दर पूरे साल औसतन 4.8 प्रतिशत रहेगी। अगर खाने-पीने की चीजों की कीमतों में थोड़ी और नरमी आती है तो दूसरी छमाही में ही ब्याज दरों में कटौती देखी जा सकती है। दो चरणों में 0.50 आधार अंकों की कटौती की जा सकती है।'
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